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घड़ी की सुई थम गई…: रतन टाटा के निधन पर अंबानी, अदाणी से लेकर पिचाई तक सदमे में; जानें क्या कहा

 

दिल्ली। देश के जाने-माने उद्योगपति और टाटा संस के आजीवन चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा नहीं रहे। उनका बुधवार रात को 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं। उनके निधन के बाद उद्योग जगत में शोक की लहर है। भारत के दिग्गज कारोबारियों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। आइए जानते हैं, मुकेश अंबानी, गौतम अदाणी और आनंद महिंद्रा समेत अन्य दिग्गजों ने क्या कुछ कहा।

मैंने अपना दोस्त खो दिया: अंबानी
असल में रिलायंस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने रतन टाटा को भारत के सबसे प्रतिष्ठित और परोपकारी बेटों में से एक बताया। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘यह भारत और भारतीय उद्योग जगत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का निधन न केवल टाटा समूह के लिए बल्कि प्रत्येक भारतीय के लिए बड़ी क्षति है। व्यक्तिगत स्तर पर रतन टाटा के निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है क्योंकि मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है।’

 

टाटा को भारत को बेहतर बनाने की गहरी चिंता थी: सुंदर पिचाई
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात हुई थी। यहां हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की और उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था। वे एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें भारत को बेहतर बनाने की गहरी चिंता थी। उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और श्री रतन टाटा जी को शांति मिले।’

टाटा सिर्फ एक कारोबारी नेता नहीं थे…: अदाणी
वहीं अरबपति गौतम अदाणी ने कहा, ‘भारत ने एक दिग्गज, एक दूरदर्शी व्यक्ति को खो दिया, जिन्होंने आधुनिक भारत के मार्ग को फिर से परिभाषित किया। रतन टाटा सिर्फ एक कारोबारी नेता नहीं थे, उन्होंने ईमानदारी, करुणा और व्यापक भलाई के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। उनके जैसे दिग्गज अमर रहते हैं।ओम शांति।’

आपको भुलाया नहीं जाएगा: आनंद महिंद्रा
उद्योग जगत के एक अन्य दिग्गज आनंद महिंद्रा ने भी टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आज भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक छलांग लगाने के कगार पर खड़ी है। इस स्थिति में आने में रतन का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे रतन टाटा की अनुपस्थिति स्वीकार करने में कठिनाई हो रही है। भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक प्रगति के कगार पर खड़ी है और इस मुकाम तक पहुंचने में रतन टाटा के जीवन और कार्यों का बहुत बड़ा योगदान है। इस समय, उनका मार्गदर्शन और परामर्श अमूल्य होता। लेकिन उनके जाने के बाद, अब हमारा कर्तव्य है कि हम उनके आदर्शों का अनुसरण करें। क्योंकि वे ऐसे व्यवसायी थे जिनके लिए वित्तीय समृद्धि और सफलता का सबसे बड़ा उपयोग वैश्विक समुदाय की सेवा में होता था। अलविदा।आपको भुलाया नहीं जाएगा, क्योंकि लेजेंड्स अमर होते हैं।’

घड़ी की सुई थम गई: गोयनका
आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक्स पर कहा, ‘घड़ी की सुई थम गई है। टाइटन अब नहीं रहे। रतन टाटा नैतिक नेतृत्व, ईमानदारी और परोपकार का एक प्रतीक थे, जिन्होंने व्यापार जगत और उससे परे अपनी अमिट छाप छोड़ी है। वे हमारी यादों में हमेशा रहेंगे। श्रद्धांजलि।’

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