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गरियाबंद बायपास रोड की जरूरत, सालों पुराने टू लाइन सड़क पर पड़ रहा है दबाव

 

गरियाबंद। गरियाबंद को जिला बने 11 साल हो गए लेकिन यहां की व्यवस्थाएं पुराने सिस्टम पर पर चल रही है। आम जनता को जिला मुख्यालय में सबसे बड़ी समस्या सड़क मार्ग को लेकर है। सालों पुराने टू लाइन सड़क में पब्लिक दबाव बहुत ज्यादा होने से यहां की आम जनता को भारी परेशानी हो रही है। शहर में बायपास रोड की अत्यंत आवश्यकता महसूस हो रही है पर किसी भी जिम्मेदार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। प्रशासन ने भी शहर विकास को लेकर कोई मापदंड तैयार नहीं किया।

रायपुर से देवभाेग की ओर जाने वाली नेशनल हाईवे सड़क मार्ग शहर के बीच से होकर गुजरती हैं। एक मात्र सड़क मार्ग पर माल वाहक और यात्री बस के अलावा गरियाबंद जिले के तमाम सिस्टम निर्भर है।


नेशनल हाईवे सड़क मार्ग के नीचे संयुक्त जिला कार्यालय जहां कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बैठते हैं। इसके अलावा जिला पंचायत कार्यालय भारतीय रिजर्व बैंक जिला रोजगार कार्यालय जिला विपणन अधिकारी कार्यालय पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह न्यू सर्किट हाउस वन मंडल गरियाबंद कार्यालय जनपद पंचायत कार्यालय उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व उप निदेशक कार्यालय वन विभाग विश्राम गृह लोक निर्माण विभाग कार्यालय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग कार्यालय कृषि उपज मंडी कार्यालय कुरुकुल कॉलेज आईटीएस कॉलेज भूमि संरक्षण विभाग हेलीपैड वन काष्ठागार डिपो और जिला सत्र न्यायालय मटन मार्केट सहित साप्ताहिक बाजार भी लगता है।
इसी तरह रायपुर मार्ग में बस स्टैण्ड डाक घर जिला सहकारी बैंक सिटी कोतवाली थाना आत्मानंद स्कूल स्कूल हिंदी मीडियम स्कूल वीर सुरेन्द्र साय महाविद्यालय बहुत से बैंक संचालित है। इस प्रकार शहर के बीचों बीच सड़क मार्ग पर भारी दबाव रहता है। अब तक इस सड़क मार्ग में दुर्घटना भी बहुत हुए है,पग पग में दुर्घटना की आशंका बनी रहती हैं। स्कूली बच्चों में दुर्घटना को लेकर भय बना रहता है।

देशी और विदेशी शराब दुकानों के कारण शराबियों का लगता है जमघट
सबसे ज्यादा परेशानी शराब भट्ठी को लेकर होता है चूंकि देशी और विदेशी शराब की दुकान भी इसी मार्ग से जुड़ा हुआ है। दिन हो या रात नशे में झूमते हुए शराबी सड़क पर चलते हुए मिलेंगे। नेशनल हाईवे सड़क मार्ग में वाहनों के अलावा सरकारी सिस्टम भी इसी मार्ग में चल रहा है।
आए दिन जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन रैली सभा होती हैं। आंदोलनकारी कलेक्टर को आवेदन देने रैली निकाल कर आते हैं। रैली में आए भीड़ संयुक्त जिला कार्यालय के पास घंटो देर तक प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करते हैं। जिसके चलते अघोषित रूप से चक्का जाम की स्थिति होती हैं। लिहाजा आम जनता को ऐसे समय में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है चूंकि गरियाबंद में ऐसा कोई अन्य सड़क मार्ग नहीं है जहां से वाहन पार हो सके।

अभी हाल ही में विधान सभा चुनाव के दौरान नामांकन दाखिल करने कलेक्टर कार्यालय आए भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी को रोकने प्रशासन ने नेशनल हाईवे सड़क मार्ग पर बेरिकेट डाल कर सड़क मार्ग को जाम कर दिया था। लिहाजा आम जनता घंटो देर तक जमा में फंसे रहे।
बीते शुक्रवार को साप्ताहिक बाजार में अचानक भीड़ बढ़ जिसके चलते शाम 5 बजे जाम लग गया और रात 8 बजे तक नेशनल हाईवे पर आवागमन अवरुद्ध रहा।
ऐसा नहीं है कि इस तरह की समस्या पहली बार निर्मित हुई हो, सड़क मार्ग को लेकर परेशानी सालों पहले से है। लेकिन प्रशासन ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। नगर पालिका गरियाबंद के पास भी इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं है।

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