० माकड़ी में हुआ लाख प्रशिक्षण शिविर का शुभारम्भ
कांकेर।लाख उत्पादन के लिये उसकी तकनीकियों को बारीकी से समझने की आवश्यकता है तभी हम अधिक से अधिक मात्रा में लाख उत्पादन कर सकते है उक्त उदगार जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर के अध्यक्ष नितिन पोटाई के है वे लाख प्रशिक्षण एवं विस्तार केन्द्र माकड़ी में कांकेर जिले एवं नारायणपुर जिले के कृषकों, वनधन मित्रों एवं प्राथमिक समितियों के प्रबंधकों को मुख्य अतिथि के आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने आगे कहा कि बस्तर की प्राकृतिक दशा लाख उत्पादन के लिये अनुकुल है यहा पहले तकनीकियों का प्रयोग नही किया जाता था उस समय यहां के किसान पलाश एवं कुसुम के वृक्ष में लाख उत्पादन का कार्य किया करते थे अब जबकि तकनीक ज्यादा विकसित हो गई उससे उत्पादन को और भी बढ़ाने की आवश्यकता है ।
श्री पोटाई ने आगे कहा कि राज्य वनोपज सहकारी द्वारा लाख उत्पादक कृषकों के प्रशिक्षण के लिये ज्यादा से ज्यादा धन राशि उपलब्ध करायी जा रही है अतः प्रशिक्षकगण एवं अधिकारी द्वारा बात का विशेष ध्यान रखे कि संघ एवं शासन के पैसे का दुरूपयोग न होने पाये और प्रशिक्षार्थी कृषक इसका लाभ ले सके । उन्होंने कृषकों से यह भी कहा कि उनके द्वारा उत्पादित किये गये लाख को व्यापारियों न बेचे बल्कि उसे प्राथमिक समितियों को ही बेचे ताकि इसका लाभ संस्था को मिल सके ।

सम्बोधन के पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के छाया चित्र पर पूजा अर्चन एवं माल्यापर्ण किया गया तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत संम्मान किया गया ।
कार्यक्रम को लखनऊ उत्तरप्रदेश से आये वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ए.के जायसवाल एवं भानुप्रतापपुर उप प्रबंध संचालक श्री जामडे ने सम्बोधित कर किसानो को अधित से अधिक मात्रा में लाख उत्पादन करने के लिये तकनीकियों को साझा किया । इस अवसर पर किसानो के उत्साह वर्धन के लिये व्यापार प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार चोपड़ा एवं लेम्पस कांकेर के पूर्व उपाध्यक्ष शिवभान सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान जिला वनोपज सहकारी संघ के अघ्यक्ष नितिन पोटाई ने नारायणपुर एवं कांकेर जिले के कृषकों एवं वन धन मित्रों से लघु वनोपज संग्राहण एवं लाख उत्पादन के संबंध में बातचीत कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की । दिनांक 24 दिसम्बर से 27 दिसम्बर से चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में काकेर, भानुप्रतापपुर पूूर्व, भानुप्रतापपुर पश्चिम एवं नारायणपुर जिला यूनियन के 20 कृषक एवं 20 वन धन मित्र एवं 11 प्राथमिक समिति के प्रबंधकगण भाग ले रहे है। प्रशिक्षण के दौरान कृषकों को क्षेत्रों का भ्रमण भी कराया जायेगा तथा आगामी लाख सीजन की तैयारी भी करवायी जायेगी।