स्पोर्ट्स न्यूज़। पिछले कुछ दिनों से भारतीय कुश्ती संघ (WFI) चर्चा में बना हुआ है। हाल ही में खेल मंत्रालय ने संघ को निलंबित कर दिया था। WFI में अलग-अलग पद के लिए हुए चुनाव में संजय सिंह ने अध्यक्ष पद के लिए जीत हासिल की थी। इसके बाद बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत कुछ दिग्गज पहलवानों ने उन पर पूर्व WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी होने का आरोप लगाया था।
साक्षी ने जहां कुश्ती से संन्यास ले लिया था, वहीं बजरंग ने पद्मश्री लौटा दिया था। विनेश ने भी अर्जुन अवॉर्ड और खेल रत्न सम्मान वापस लौटा दिए थे। इसके बाद खेल मंत्रालय ने एक्शन लेते हुए WFI को निलंबित कर दिया था। अब कुश्ती और इससे जुड़े मामलों की देखरेख के लिए नई तदर्थ समिति यानी एड-हॉक समिति का गठन किया गया है। WFI चुनाव से पहले भी कुश्ती की देखरेख यही समिति कर रही थी, क्योंकि पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण को निलंबित किया गया था।
खेल मंत्रालय ने तीन दिन पहले भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से भारतीय कुश्ती संघ का कामकाज देखने के लिए एक तदर्थ समिति बनाने को कहा था। इसी के बाद IOA ने यह फैसला लिया है। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने तदर्थ समिति का गठन करते हुए कहा- डब्ल्यूएफआई के संचालन की निगरानी के लिए तदर्थ समिति का गठन किया गया है।
उनका काम कुश्ती प्रतियोगिताओं के लिए एथलीट्स का चयन करना, अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए एथलीटों के लिए एंट्रीज जमा करना, खेल गतिविधियों का आयोजन करना, बैंक खातों को संभालना, वेबसाइट का प्रबंधन करना और अन्य संबंधित जिम्मेदारियां शामिल हैं।