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प्रदेश भाजपा सरकार आदिवासियों की संस्कृति, सभ्यता और उनके विचारों के खिलाफ है – डॉ.लक्ष्मी ध्रुव

नगरी। सिहावा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ डॉ.लक्ष्मी ध्रुव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करने में फेल साबित हुई। जब कांग्रेस की सरकार थी तब आदिवासियों के हितों का ध्यान में रखते हुए अनेक कानून जैसे वन अधिकार नियम, पेसा कानून वन उपज एवं नरवा गरवा घुरवा और बाड़ी के तहत आदिवासियों के हितों का ध्यान में रखा गया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब से प्रदेश में बनी है आदिवासियों के अधिकारों में अतिक्रमण निरंतर हो रहा है जिससे सरकार के प्रति आदिवासियों का विश्वास लगातार गिरता जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रति विश्वास आदिवासियों ने रखी और पूर्ण बहुमत का सरकार दिया सरकार में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया लेकिन उनकी उदासीनता आदिवासियों की प्रति निरंतर दिखाई दे रही है। सत्ता में बैठते ही सरगुजा के जंगलों प्रतिबंधित हसदेव को काटने की अनुमति प्रदान की गई। भारतीय जनता पार्टी आदिवासी हितों के बात करते हुए राष्ट्रपति और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दिया यह खाने के और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं वाली कहावत चरितार्थ करती है अभी विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया लेकिन भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आदिवासी दिवस पर आयोजित दो कार्यक्रमों को रद्द कर दिए जाने से आदिवासियों को गहरा आघात पहुंचा है और ऐसा लगने लगा है कि सरकार आदिवासियों की संस्कृति सभ्यता और उनके विचारों के खिलाफ है यह I यह सीधे तौर पर प्रदेश के एक तिहाई जनसंख्या का अपमान है।

सत्ता के साथ आरएसएस भी आदिवासियों के खिलाफ दिखाई दे रहा है बड़े कैबिनेट मंत्री भी आदिवासियों को बनाए हैं लेकिन यह लोग आदिवासियों के अधिकारों के पहले सरकार के गुणगान में लगे है।
विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में राष्ट्र के गौरव बढ़ाने वाले आदिवासियों को पुरस्कृत किया जाता था जिससे आदिवासी समाज गौरवान्वित होकर राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर कार्य करते थे लेकिन यह सरकार आदिवासियों के मन में उत्साह के स्थान पर उदासीनता ला रही है।
आगे डॉ.लक्ष्मी ध्रुव ने कहा कि इसी तरह आरक्षण की बात करें तो आरक्षण विधेयक पर पूरे 90 के 90 विधायकों ने हस्ताक्षर किए लिखे और तत्कालीन राज्यपाल को पूरी जानकारी सौंप दी। केन्द्र की भाजपा सरकार के दबाव के चलते राज्यपाल महोदया ने हस्ताक्षर नहीं किया। पिछली सरकार ने आदिवासियों के द्वारा उत्पादित कोदो, कुटकी और रागी का सही दाम दिया।

आज गौठानों की दुर्दशा पर भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, बिजली बिल ने आम गरीब लोगों की नींद उड़ा दी है। महंगाई चरम सीमा में है भारतीय जनता पार्टी सरकार इसके प्रति भी उदासीन है। छोटे-छोटे उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं युवा बेरोजगार इधर-उधर भटक रहे हैं और पुनः कर्ज में दब रहे हैं वर्तमान सरकार को इस ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए और आदिवासियों के प्रति उदासीन रवैया दूर कर आदिवासी विरोधी कार्य को तत्काल बंद कर जन कल्याणकारी कार्य करना चाहिए।

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