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Kolkata Rape and Murder Case: Sanjay Roy का साइको टेस्ट रिपोर्ट में डराने वाला खुलासा, मनोवैज्ञानिकों ने कहा- कोलकाता केस का दरिंदा अंदर से भी जानवर

कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ दरिंदगी करने वाले संजय रॉय की साइकोलॉजिकल रिपोर्ट ने चौंका दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय एक यौन विकृति से ग्रस्त व्यक्ति है और उसकी मानसिक स्थिति बेहद खतरनाक है। रिपोर्ट में उसे एक “जानवर” की संज्ञा दी गई है, जो बाहर से सामान्य लग सकता है लेकिन उसके अंदर की क्रूरता और विकृति बेहद डरावनी है।

साइकोलॉजिकल प्रोफाइल की गहन जांच
मनोवैज्ञानिकों की टीम ने संजय रॉय के साइकोलॉजिकल प्रोफाइल की गहन जांच की। रिपोर्ट के अनुसार, संजय रॉय ने अपनी विकृति और क्रूरता को खुले तौर पर स्वीकार किया है, और इस दौरान उसने किसी भी तरह की शर्म या पछतावे का संकेत नहीं दिखाया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि उसने अपराध के बारे में बात करते समय पूरी तरह से निस्संकोच था और इसके लिए किसी भी प्रकार का पछतावा नहीं महसूस किया।

मांगी पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति
CBI ने संजय रॉय की जांच के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट की अनुमति मांगी है। हालांकि, यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक संजय रॉय खुद इसके लिए सहमत नहीं होता। शुक्रवार को संजय रॉय को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां वह पहली बार वकीलों के सवालों का जवाब देगा। वर्तमान में, राज्य सरकार ने उसके बचाव के लिए एक वकील नियुक्त किया है, जो पहली बार संजय रॉय से मिलेगा।

घटनास्थल पर उपस्थिति की पुष्टि
संजय रॉय की घटनास्थल पर उपस्थिति की पुष्टि जांच में हो चुकी है। CBI के एक्सपर्ट्स ने संजय रॉय के बयानों का मिलान पोस्टमॉर्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट से किया, जिससे उसकी उपस्थिति की पुष्टि हुई। पीड़िता के नाखूनों से मिले खून के सैंपल संजय रॉय की चोटों से मेल खाते हैं। पुलिस को अब डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है, जो इस मामले की दिशा तय कर सकती है।

CCTV फुटेज से मिला साक्ष्य
CBI जांच के अनुसार, CCTV फुटेज में संजय रॉय को सुबह 11 बजे अस्पताल के आसपास देखा गया। वह चेस्ट डिपार्टमेंट वॉर्ड के पास घूम रहा था और ट्रेनी डॉक्टरों को देख रहा था। बाद में, वह करीब पौने 4 बजे अस्पताल के भीतर घुसता हुआ दिखाई दिया और डॉक्टरों को घूरते हुए देखा गया। यह फुटेज संजय रॉय की घटनास्थल पर मौजूदगी की पुष्टि करती है। संजय रॉय के साइकोलॉजिकल प्रोफाइल और घटनास्थल पर उसकी उपस्थिति की पुष्टि ने इस केस को और भी जटिल बना दिया है। जांच एजेंसियों और मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इस केस के परिणाम बहुत महत्वपूर्ण हो सकते हैं, और इसके लिए सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा।

 

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