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चिंगरा पगार झरना के आसपास मौजूद है औषधीय गुण वाले पौधे

गरियाबंद।अपनी खूबसूरती और कल कल कलरव के लिए मशहूर चिंगरा पगार झरने के आस पास कई औषधीय गुण वाले पौधे भी मौजूद है। नेशनल हाइवे छोड़ने के बाद झरने के लिए कच्चा रास्ता पकड़ते ही कई झाड़ियां नजर आती है।पार्किंग स्थल से झरना पहुंचने तक कई फूल पौधे नजर आते हैं,इनमे मरोड़ फल्ली, चिरायता, अमलताश, सर्पगंधा जैसे औषधीय पौधे प्रचुर मात्रा में देखा गया हैl इनमें से मरोड़फ़ल्ली वनस्पत्ती नाम हेलीक्टेरस ऐजोरा है स्थानीय नाम अतान एवं मालवेसी फैमिली का है अभी बरसात क़े दिन मे इसे इसके सुन्दर फूलो क़े साथ देखा जा सकता है एवं इसके मुड़े स्क्रू जैसे फली क़े साथ जो पेट की बिमारी, अपच, पेचीश दूर करने सहायक है l

हाल ही में नवापारा शासकीय कन्या महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक खुशबू कश्यप भ्रमण में आई हुई थी।खुशबू की नजर इन पौधो पर पड़ी, उन्होंने अपने कैमरे में इसे कैद कर लिया है इसके बारे मे जानकारी प्रदान क़ी
खुशबू वानस्पतिक शास्त्र की सहायक प्राध्यापक हैं, वे शासकीय दुधाधारी बजरंग महाविद्यालय पदस्थ डॉक्टर वैभव आचार्य के निर्देशन में एथनोबाटनी प्लांट पर शोध भी कर रही है।खुशबू ने बताया कि वन ग्राम में रहने वाले स्थानीय जनजाति ,समुदाय व हमारे पूर्वज जिन औषधीय पेड़ पौध को किस तरह उपयोग में लाते थे अथवा अब भी इसका उपयोग कैसे हो रहा है उसी पर वे शोध कर रहे है।खुशबू ने कहा की गरियाबंद के जंगलों में प्रकृति ने एसे पौधो की सौगात दिया हुआ है।उसे सहजने एवं सऱक्षण की जरूरत है अपितु यह हमें किताबों मे ही देखने व कथाओं मे ही सुनने मिलेंगे l

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