इंटरनेशनल न्यूज़। हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद सोमवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा. इसके बाद ही हिजबुल्लाह अपने नए चीफ का ऐलान कर देगा. कुछ रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि नसरल्लाह का चचेरा भाई हाशेम सफीद्दीन को हिजबुल्लाह के चीफ की कमान सौंप दी गई है. सफीद्दीन नसरल्लाह और नईम कासिम के बाद के टॉप तीन नेताओं में शामिल है. इसके साथ ही वो हिजबुल्लाह के राजनीतिक मामलों की देखरेख करता है. ये हिजबुल्लाह के जिहाद परिषद का भी सदस्य है.
कहा जाता है कि सफीद्दीन ईरान से भी अच्छे रिश्ते हैं. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि बेटे की शादी ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के पूर्व कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की बेटी से हुई है. इजराइली मीडिया ने भी नसरल्लाह पर हमले की जानकारी देते हुए बताया था कि जिस वक्त नसरल्लाह को निशाना बनाया गया था. उसी वक्त साफीद्दीन भी वहां मौजूद था, लेकिन किस्मत से वो जिंदा बच गया.
1980 में हुई थी स्थापना
हिजबुल्लाह एक शिया मुस्लिम राजनीतिक और उग्रवादी संगठन है, इसका मुख्यालय लेबनान में है. इसकी स्थापना 1980 के दशक की शुरुआत में की गई थी. हिजबुल्लाह और इजराइल की ये लड़ाई आज की नहीं है, बल्कि ये लड़ाई साल 1982 की है. हिजबुल्लाह का उद्देश्य इजराइल के खिलाफ लड़ाई लड़कर लेबनान में इस्लामिक शासन स्थापित करना था.
ऐसे हुई नसरल्लाह की मौत
इजराइल के हवाई हमलों में मारे गए हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह का शव रविवार को बरामद कर लिया गया. नसरल्लाह के शरीर पर कोई सीधा घाव नहीं पाया गया, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उसकी मौत विस्फोट से हुई है. इसको लेकर इजराइल के एक टेलीविजन चैनल ने बताया कि नसरल्लाह की मौत विस्फोट में चीथड़े उड़ने से नहीं, बल्कि विस्फोट के धुएं से दम घुटने की वजह से हुई है.
इजराइली रक्षा मंत्री का बयान
हिजबुल्लाह की ओर से 28 सितंबर को एक बयान में नसरल्लाह की मौत की पुष्टि की गई थी, हालांकि उसमें ये स्पष्ट नहीं किया गया कि उसकी हत्या कैसे हुई. हसन नसरल्लाह ने 2006 में इजराइल के खिलाफ हिजबुल्लाह के युद्ध का नेतृत्व किया था. बेरूत के दक्षिणी उपनगर हरेत हरेक में इजराइली हवाई हमले के दौरान नसरल्लाह मारा गया था.
नसरल्लाह की मौत पर इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा था कि हिजबुल्लाह के नेता को खत्म कर दिया गया है. वो हजारों इजराइली और विदेशी नागरिकों का हत्यारा था साथ ही हजारों इजराइली और बाकी के लोगों के जीवन के लिए खतरा था.