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बरेली में दर्दनाक हादसा : अवैध फटाखा फैक्ट्री में धमाके से 3 महिलाओं की मौत, 5 घायल 2 बच्चे लापता… 2 दारोगा समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड

फटाखा फैक्ट्री में धमाके

बरेली : यूपी के बरेली में बुधवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ। अवैध फटाखा फैक्ट्री में धमाके से 3 महिलाओं की मौत हो गई वहीं मलबे में दबकर 5 लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद से 2 बच्चे भी लापता हैं जिनकी तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पटाखा फैक्ट्री में एक के बाद एक धमाके हुए जो करीब दो घंटे तक जारी रहे। धमाकों से पूरा गांव दहल गया, चारों तरफ चीख-पुकार मच गई।

बताया जा रहा है कि सिरौली थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव में रहमान शाह के घर में अवैध पटाखे बनाने का कारोबार चल रहा था। कल पटाखा बनाने के दौरान ब्लास्ट हो गया। धमाका इतना जोरदार था कि आसपास के कई घर भी इसकी चपेट में आ गए। इस घटना में 5 मकान गिर गए, 3 में दरारें आ गई हैं। घटना की खबर पाकर मौके पर पुलिस और राहत बचाव टीम पहुंची। SDRF और NDRF की टीम भी पहुंची। मलबे में दबे पांच लोगों को तो निकाल लिया गया लेकिन दो लापता बच्चों की तलाश की जा रही है।

बरेली में हुए धमाके की गूंज लखनऊ तक

बरेली में हुए धमाके की गूंज लखनऊ तक सुनाई दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तुरंत एक्शन में आए और राहत-बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसी बीच, अवैध तरीके से चलाए जा रही इस पटाखा फैक्ट्री को रोकने में नाकाम रही स्थानीय थाने की पुलिस पर गाज गिरी है। एक इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया है जबकि दो दारोगा समेत 4 पुलिसवाले सस्पेंड किए गए हैं। पुलिस महानिरीक्षक (बरेली रेंज) राकेश सिंह ने बताया, “बरेली जिले के सिरौली क्षेत्र में पटाखे बनाने वाली एक फैक्ट्री में विस्फोट होने से तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।” उन्होंने कहा कि विस्फोट होने से आसपास की 7-8 इमारतों को भी नुकसान हुआ है और फैक्ट्री के संचालक की पहचान नासिर के रूप में हुई है। उन्होंने कहा कि बताया गया है कि उसके पास लाइसेंस था और लाइसेंस के विवरण की जांच की जा रही है।

पुल‍िस-प्रशासन की लापरवाही!

पुलिस को 21 सितंबर को सूचना मिली थी कि, नासिर शाह के मकान में पटाखों की वजह से धमाके हुए। पुलिस पहुंची और लाइसेंस की बात पूछी तो नासिर ने बताया था कि उसके पास बिक्री के लिए लाइसेंस हैं, जिसका नवीनीकरण हो गया है। आरोपित ने पुलिस को टहलाते हुए कहा था कि उसने अपने पटाखों का गोदाम खेत में बनाया हुआ है। पुराने कुछ पटाखों को उसने घर की छत पर सुखाने के लिए डाला था। इसके बाद वह पत्नी की दवा लेने के लिए चला गया। इसी बीच किसी तरह से आग लग गई। इसके बाद पुलिस ने विस्फोटक अधिनियम पांच और नौ बी के तहत प्राथमिकी पंजीकृत की थी। प्रशासन ने लाइसेंस निरस्त कर दिया। यहीं से लापरवाही शुरू हो गई।

लाइसेंस निरस्त होने के बाद न तो पुलिस ने यह देखा कि उसके पास कितना भंडारण था न यह देखा कि उसने कहां-कहां गोदाम बना रखा था। पुलिस प्रशासन को यह बात बखूबी मालूम थी कि नासिर के पास केवल पटाखे बिक्री का लाइसेंस हैं। इसके बाद भी उन्हें यह कैसे पता नहीं चला कि नासिर अवैध रूप से पटाखे बना भी रहा था। हालांकि, लाइसेंस निरस्त होने के बाद उसने अपने घर में पटाखे बनाना बंद कर दिया, मगर वह अपने भाई नाजिम की सुसराल कल्याणपुर में पटाखों का सामान लेकर पहुंच गया।

नाजिम के ससुर रहमान शाह के साथ नासिर ने उनके तीसरी मंजिल पर पटाखा बनाने की अवैध फैक्ट्री खोल दी। नासिर अपने घर कौआ टोला से पटाखा बनाने का सभी सामान लेकर रहमान के घर आ गया, मगर पुलिस प्रशासन को इस बारे में कोई जानकारी कैसे नहीं हुई ये पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल है? पुलिस की लापरवाही का अंजाम यह हुआ कि 10 दिनों के भीतर सिरौली थाना क्षेत्र में धमाके की दूसरी बड़ी घटना घट गई। इस बार कई लोगों की जान भी चली गई।

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