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देवउठनी एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक, कार्तिक मास के अंतिम 5 दिन तुलसी पर रोजाना जलाएं दीपक, बढ़ेगी धनलक्ष्‍मी

Kartik Maas Ke Antim 5 Din Ke Niyam : कार्तिक मास का महीना भगवान विष्‍णु और उनके अवतारों की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। अगर आप पूरे कार्तिक मास में किसी कारण से भगवान विष्‍णु की पूजा नहीं कर पाए हैं तो कार्तिक मास के अंतिम 5 दिनों में कुछ नियमों का पालन करने और तुलसी के पेड़ पर दीपदान करने पर 5 दिनों तक दीपदान करने से आपको संपूर्ण कार्तिक मास का पुण्य प्राप्‍त हो जाता है। महाभारत के एक पर्व में इस बारे में स्‍वयं भीष्म पितामह ने धर्मराज युधिष्ठिर को इस बारे में बताया है। आइए जानते हैं क्‍या हैं ये नियम और तुलसी पर रोजाना 5 दिन त‍क दीपक जलाने के लाभ।

तुलसी पर रोजाना 5 दिन जलाएं दीपक
तुलसी का पेड़ सनातन धर्म में सबसे ज्‍यादा पूजनीय हैं। कार्तिक मास के आखिरी 5 दिनों में रोजाना सुबह और शाम तुलसी के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। आपको शुद्ध देसी गाय के घी का दीपक जलाना चा‍हिए। साथ ही घर के मंदिर में भी घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा आप भगवान कृष्‍ण या फिर भगवान विष्‍णु के मंदिर में भी शाम के वक्‍त जाकर दीपदान कर सकते हैं। साथ ही जो लोग गंगा या यमुना नदी के तट के पास रहते हैं उन्‍हें रोजाना शाम को एक दीपक जल में प्रवाहित करना चाहिए। अगर रोजाना नहीं कर सकते हैं तो पूर्णिमा के दिन जरूर गंगा के किनारे दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपको भगवान विष्‍णु की पूजा पूरे कार्तिक मास में करने के बराबर पुण्‍य फलों की प्राप्ति होती है।

कार्तिक मास के अंतिम 5 दिनों में करें इन नियमों का पालन

० कार्तिक मास के अंतिम 5 दिनों में रोजाना सुबह जल्‍दी उठकर 4 बजे से 5 बजे के बीच में स्‍नान कर लें।
० इन 5 दिनों में संभव हो तो रोजाना व्रत करें और अन्‍न व नमक ग्रहण न करें। अगर आपको कोई समस्‍या है या फिर किसी रोग से पीड़ि‍त हैं तो एक समय भोजन करके भी यह व्रत रख सकते हैं। वो भी संभव न हो तो दोनों वक्‍त भोजन करें, लेकिन वह पूर्ण रूप से शाकाहार होना चाहिए। यहां तक कि प्‍याज लहसुन का प्रयोग भी न करें।
० इन 5 दिनों में संभव हो तो रोजाना एक ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद स्‍वयं भोजन करें। अगर ऐसा संभव न हो सके तो कार्तिक मास के आखिरी दिन यानी कि पूर्णिमा के दिन कम से कम एक ब्राह्मण को भोजन जरूर कराएं और साथ ही दक्षिणा भी दें।
० कार्तिक मास के अंतिम 5 दिनों में रोजाना गाय और अन्‍य जीवों को भी भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्‍न होते हैं और आपको विशेष पुण्‍य की प्राप्ति होती है।
० इन 5 दिनों में जमीन पर सोना चाहिए। झूठ नहीं बोलना चाहिए। इन 5 दिनों में रोजाना तुलसी, आंवला और बेलपत्र की पूजा करनी चाहिए।
० इन 5 दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें। इन 5 दिनों में भीष्‍म पितामह ने धर्मराज युधिष्ठिर को उपदेश दिया था और भीष्‍म पितामह आजीवन ब्रह्मचारी थे। इसलिए उनके सम्‍मान में इन 5 दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। मान्‍यता है कि इन 5 दिनों में इन नियमों का पालन करने से पूरे कार्तिक मास के स्‍नान का फल आपको मिलता है।
० शिवजी के सम्‍मुख जलाएं दीपजो कार्तिक मास के आखिरी 5 दिनों में श्रद्धापूर्वक शिवजी के समीप दीपक अर्पित करता है, उसके चढ़ाये गए वे दीप शिवलिंग के सामने जितने समय तक जलते हैं, उतने हजार युगों तक दाता स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है। जो कार्तिक महीने में शिवजी के सामने घृत का दीपक समर्पित करता है, वह ब्रह्मलोक को जाता है।

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