आज देशभर में देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा मनाई जा रही है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लोग गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और अपनी क्षमता अनुसार दान कर रहे हैं. आज शाम शिव की नगरी काशी यानी वाराणसी में भव्य देव दीपावली मनाई जाएगी. हालांकि गंगा के किनारे बसे प्रयागराज, हरिद्वार जैसे प्रमुख शहरों में भी देव दीपावली मनाई जाती है. गंगा के घाटों पर दीप जलाए जाते हैं. देवों के देव महादेव की पूजा करते हैं. देव दीपावली की शाम नदी के किनारे या मंदिर में दीप जलाना शुभ माना जाता है. जो लोग अपने घर पर ही देव दीपावली मनाना चाहते हैं, उनको जानना चाहिए कि घर में किन जगहों पर दीए जरूर जलाना चाहिए? आइए जानते हैं देव दीपावली की पूजा विधि और घर में किन स्थानों पर दीप जलाएं?
देव दीपावली 2024 पूजा विधि
आज शाम देव दीपावली का शुभ मुहूर्त 5:10 बजे से 7:47 बजे तक है. सबसे पहले शाम को आप स्नान कर लें. उसके बाद साफ कपड़े पहनें. घर और पूजा स्थान की सफाई संध्या पूर्व ही कर लें क्योंकि रात के समय में घर में झाड़ू नहीं लगाते हैं. देव दीपावली को भगवान शिव की पूजा करते हैं, इसलिए आप शुभ मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, अक्षत्, चंदन, फूल, भांग, धतूरा, धूप, दीप, शहद, शक्कर, नैवेद्य आदि अर्पित करके पूजन करें. उसके बाद आप देव दीपावली की कथा या कार्तिक पूर्णिमा की कथा पढ़ें. समापन शिव आरती से करें. भोले शंकर से संकटों को दूर करने और मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
शिव पूजा के समय भगवान महादेव के लिए घी वाला 8 या 12 मुखी दीपक जलाएं. उसके बाद विषम संख्या में मिट्टी के दीपक लें, जैसे 5, 7, 11, 51. उसमें गाय का घी या सरसों का तेल डाल दें. उन सभी दीए को जलाएं.
देव दीपावली पर घर के इन स्थानों पर जलाएं दीए
1. घी का एक-एक दीपक भगवान विष्णु, गणेश जी, माता गौरी, माता लक्ष्मी के लिए पूजा घर में जलाएं. उसके बाद नवग्रहों के लिए भी एक-एक दीपक जलाएं.
2. एक दीपक तुलसी जी के पास भी जलाकर रखें. यदि शमी का पेड़ लगा रखा है तो वहां पर तिल या सरसों के तेल वाला दीपक जलाएं.
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3. दीया घर के मुख्य द्वार पर जरूर रखना चाहिए. मेन गेट के दोनों तरफ दीपक रखें. उसके बाद घर के आंगन या बालकनी को भी दीपों से जगमग करें.
4. देवी अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्ति के लिए रसोई घर में भी एक दीपक जरूर रखें.
5. घर के सभी कमरों के दरवाजे के पास भी एक दीप जलाएं. घर के पूर्व और उत्तर कोने यानी ईशान कोण पर भी एक दीप जलाना चाहिए.
6. देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा तिथि को है, ऐसे में आप एक दीया पीपल के पेड़ के पास भी जला सकते हैं.