चेन्नई। तमिलनाडु में चेन्नई शहर और अन्य जिलों में भारी बारिश के कारण शनिवार को शहर में चक्रवाती तूफान फेंगल से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई।
राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने चक्रवाती तूफान की स्थिति की समीक्षा करने के बाद बताया कि चेन्नई शहर में बिजली का करंट लगने से तीन लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन उनके परिवारों को पर्याप्त राहत देने की घोषणा करेंगे। उन्होंने सत्तारूढ़ द्रमुक द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हालांकि भारी बारिश ने शहर को तबाह कर दिया है। शहर में रात 10 बजे तक करीब 10 सेमी बारिश दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि चक्रवात ने तट पार करना शुरू कर चुका है, चक्रवात ने कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया है। उन्होंने इसका श्रेय मुख्यमंत्री द्वारा किए गए निवारक उपायों को दिया। उन्होंने कहा कि पुडुचेरी के निकट विल्लुपुरम जिले के मरक्कनम में जहां चक्रवात ने दस्तक दी 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई और चेंगलपट्टू जिले के पड़ोसी अथुर में भी बारिश दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि शहर में निचले इलाकों से निकाले गए 4,000 से अधिक लोगों को 120 से अधिक शिविरों में रखा गया है और लोगों को लगभग तीन लाख भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं। भोजन के पैकेट आज भी वितरित किए जाएंगे।
मौसम विभाग ने मध्यम बारिश का अनुमान लगाया है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक बारिश पूरी तरह से थम नहीं जाती। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री ने आदेश जारी किए हैं। रामचंद्रन ने कहा कि अब बारिश कम हो गई है। चक्रवात ने दस्तक देना शुरू कर दिया है और सभी जिला प्रशासनों को राहत और पुनर्वास उपायों में शामिल होने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि चक्रवात के पूरी तरह से तट पार कर जाने के बाद आज रात तक पूरी तस्वीर सामने आ जाएगी और विवरण कल साझा किया जाएगा।
इस बीच स्टालिन ने बिजली विभाग की ओर से वेलाचेरी के बिजली के करंट से मरने वाले शक्तिवेल (47) के परिवार को पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। शक्तिवेल की मौत तेज हवाओं के कारण टूटे तार की चपेट में आने से हुई। स्टालिन ने उनकी मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। चेम्बरमबक्कम जलाशय के पूर्ण भंडारण तक पहुंचने की खबरों का खंडन करते हुए जल संसाधन विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इसमें भंडारण स्तर केवल 67 प्रतिशत था। बयान में कहा गया है कि इसमें से पानी नहीं छोड़ा गया और लोगों से अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की गई।