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पोटाश बम की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हुआ हाथी का शावक, वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट की टीम कर रही है इलाज

0 सूजन बढ़ने से खाने–पीने में हो रही परेशानी

गरियाबंद। उदंती–सीतानदी टाइगर रिजर्व में एक माह पूर्व पोटाश बम की चपेट में आने से नन्हे हाथी शावक गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसकी अब तबियत और बिगड़ गई है। इसके इलाज के लिए अब रिजर्व प्रशासन और वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट अपनी टीम के साथ जुटे हुए हैं।

मालूम हो कि माहभर पहले शिकार के लिए लगाए गए पोटाश बम को नन्हे हाथी शावक ने खा लिया था, जिससे कि उसके जबड़े और पैर में चोटें आई थी। जानकारी मिलते ही वन अमला हाथी शावक की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी हुई थी। उसके इलाज के लिए डॉक्टर्स एवं ट्रैकर्स ड्रोन के माध्यम से मॉनिटरिंग भी कर रही थी, लेकिन हाथियों के झुंड के बीच शावक के होने से काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। बताना लाजिमी होगा कि घटना के लगभग 20 दिनों बाद घायल हाथी शावक का इलाज किया गया, जहां हाथियों के झुंड के साथ ही शावक की मां ने भी उसे अकेले छोड़ दिया था। शावक को ट्रेंकुलाइज कर उसका इलाज किया गया, उसके बाद स्थिति में थोड़ा सुधार आने लगा, जिसके बाद रिजर्व प्रशासन ने राहत की सांस ली थी। लेकिन अचानक एक बार फिर शावक की तबियत बिगड़ गई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक हाथी शावक दो दिन पहले रिसगांव रेंज से तौरेंगा रेंज पहुंचा हुआ है। पोटाश बम चबाने से जीभ व मुंह में आई जख्म लाख कोशिशों के बावजूद ठीक नहीं हो सका है। सूजन बढ़ने के कारण हाथी अब कुछ भी नहीं खा पा रहा है। शावक काफी कमजोर हो चुका है, जिससे कि वह अब ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा है। सोए हालत में ही हाथी का उपचार जारी है। हाथी के इस दयनीय स्थिति को लेकर अब अफसर भी चिंता में नजर आ रहे हैं। विभाग के उपनिदेशक वरुण जैन मौके पर ही डॉक्टर्स एवं टीम के साथ डटे हुए हैं।

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