जो प्रदोष व्रत शनिवार के दिन होता है, वह शनि प्रदोष व्रत कहलाता है. इस साल का अंतिम प्रदोष व्रत या शनि प्रदोष व्रत पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद करने का विधान है. शनि प्रदोष व्रत और पूजा करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कि शनि प्रदोष व्रत कब है? शनि प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त और महत्व क्या है?
शनि प्रदोष व्रत 2024 तारीख
पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदयशी तिथि 28 दिसंबर को तड़के 2 बजकर 26 मिनट से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 29 दिसंबर को तड़के 3 बजकर 32 मिनट पर होगी. उदयातिथि औा पूजा मुहूर्त के आधार पर शनि प्रदोष व्रत 28 दिसंबर शनिवार के दिन रखा जाएगा.
शनि प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त
28 दिसंबर को शनि प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ समय 2 घंटा 44 मिनट तक है. उस दिन शिव पूजा का मुहूर्त शाम को 5 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 17 मिनट तक है. शनि प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त शाम 5 बजकर 33 मिनट पर होगा.
साल के अंतिम प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 6 बजकर 18 मिनट तक है. उस दिन का शुभ मुहूर्त यानी अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक है.
अनुराधा नक्षत्र और शूल योग में है शनि प्रदोष व्रत
शनि प्रदोष व्रत वाले दिन अनुराधा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर रात 10 बजकर 13 मिनट तक है, उसके बाद से ज्येष्ठा नक्षत्र है. व्रत वाले दिन शूल योग प्रात: काल से लेकर रात 10 बजकर 24 मिनट तक है. उसके बाद से गंड योग बनेगा.