गरियाबंद। नगर पंचायत कोपरा की महिलाओं ने अपने अधिकारों की मांग को लेकर जो लड़ाई शुरू की थी, वह अब रंग लाने लगी है। वर्षों से आवासीय मकान का पट्टा और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पाने की प्रतीक्षा कर रही महिलाओं की आवाज को जब समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार गोरेलाल सिन्हा ने जिला प्रशासन तक पहुंचाया, तो कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
एसडीएम का निरीक्षण, महिलाओं को मिला आश्वासन
कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम विशाल महाराणा ने अपनी टीम के साथ कोपरा का दौरा किया। दिनभर के इंतजार के बाद जब दोपहर में प्रशासनिक अधिकारी कोपरा पहुंचे, तो महिलाओं और नगरवासियों ने राहत महसूस की।
एसडीएम ने पैरी नगर चौक और चांदाभांठा गडाही चौक का निरीक्षण किया। उन्होंने महिलाओं और स्थानीय निवासियों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना। महिलाओं ने बताया कि वे दशकों से यहां निवास कर रही हैं, लेकिन पट्टा और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ न मिलने से वे बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
एसडीएम विशाल महाराणा ने कहा, “हमने मौके का निरीक्षण किया है। जिन क्षेत्रों में अभी तक पट्टा नहीं दिया गया है, वहां का सर्वे कर रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंपेंगे। आगे की प्रक्रिया शीघ्र शुरू होगी।”
संघर्ष का परिणाम: प्रशासन हुआ सक्रिय
कोपरा की सैकड़ों महिलाओं ने समाजसेवी गोरेलाल सिन्हा के नेतृत्व में जब जिला कार्यालय में कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल से मुलाकात की थी, तो उन्होंने अपनी दशकों पुरानी समस्याएं रखीं। महिलाओं ने कहा, “हम झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। बिना पट्टे के न तो मकान बना सकते हैं और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।”
कलेक्टर ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए तुरंत एसडीएम और सीएमओ को कोपरा भेजने का आदेश दिया।
स्थानीय लोगों की भागीदारी
निरीक्षण के दौरान नगर पंचायत के सीएमओ श्यामलाल वर्मा, हल्का पटवारी कोमल वर्मा, ग्राम पटेला के श्यामलाल निषाद, कोटवार ईश्वर देवदास, श्रवण नागरची, जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू, नगर पंचायत अध्यक्ष नोगेश्वर साहू, कृषि समिति अध्यक्ष मोतीराम साहू, रूपनारायण साहू, दिलीप वर्मा, दिलीप सिन्हा, बसंत पटेल, पवन साहू, नंदू सिन्हा और नरेश नवरंगे समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
उम्मीदों की किरण
प्रशासनिक निरीक्षण और सर्वे प्रक्रिया शुरू होने से महिलाओं और नगरवासियों में आशा की लहर है। महिलाएं अब इस बात का इंतजार कर रही हैं कि सर्वे रिपोर्ट के बाद उन्हें उनके हक का पट्टा और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कब मिलेगा।
प्रेरणा बनी कोपरा की लड़ाई
कोपरा की महिलाओं का यह संघर्ष अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणा बन चुका है। संगठित प्रयास और दृढ़ संकल्प के जरिए उन्होंने यह साबित कर दिया कि प्रशासन को जवाबदेह बनाया जा सकता है। अब सभी की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।