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Operation Sindoor पर सर्वदलीय बैठक खत्म; खरगे बोले- संकट की इस घड़ी में हम सरकार के साथ

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दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद बने हालात को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक समाप्त हो गई है। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम सरकार के साथ हैं। खरगे ने कहा कि कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनके बारे में हमें गोपनीयता का हवाला देकर जानकारी नहीं दी गई। राहुल गांधी ने कहा कि हमने सरकार को पूरा समर्थन दिया है। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहे। इनके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद रहे। इनके अलावा कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी बैठक में शामिल हुए। बैठक में सरकार विपक्ष के नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर के बाद की जवाबी कार्रवाई और भविष्य की तैयारियों को लेकर जानकारी दे रही है।



कांग्रेस ने सभी तय कार्यक्रम रोके
कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार को पूरा समर्थन और सेना के साथ एकजुटता दिखाते हुए ‘संविधान बचाओ रैलियों’ समेत पार्टी के सभी तय कार्यक्रम रोक दिए हैं। वहीं तनाव के माहौल में पीएम मोदी ने तीन देशों का दौरा रद्द कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी 13 से 17 मई तक नॉर्वे, क्रोएशिया और नीदरलैंड के दौरे पर जाने वाले थे।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हरकतों पर पैनी नजर रख रही सेना
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों को लेकर स्थानीय बलों के साथ लगातार संपर्क में हैं। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के बाद पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम उल्लंघन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। रक्षा अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सेना और सुरक्षा बल पाकिस्तान की किसी भी संभावित गलत हरकत के लिए हाई अलर्ट पर हैं।

ऑपरेशन सिंदूर से दहल उठा पाकिस्तान
गौरतलब है कि 6 से 7 मई की दरमियानी रात को 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। 25 मिनट के इस ऑपरेशन में 24 मिसाइलों के जरिए नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया। इन नौ ठिकानों में से पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे, वहीं चार पाकिस्तान में थे। इन ठिकानों में आतंकियों को भर्ती किया जाता था। उन्हें प्रशिक्षित किया जाता था। इतना ही नहीं भारतीय सेना के इस कार्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के दस लोगों की मौत हो गई।

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