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एसईसीएल में नारी गरिमा को समर्पित एक अभिनव पहल — चरचा आरओ माइंस में महिला कर्मचारियों के लिए पहला बायो टॉयलेट प्रारंभ


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बिलासपुर। एसईसीएल ने महिला कर्मचारियों के लिए समावेशी, सुरक्षित और गरिमापूर्ण कार्यस्थल उपलब्ध कराने की दिशा में एक अभिनव पहल की है।बैकुंठपुर क्षेत्र की चरचा आरओ माइंस में महिलाओं के लिए पहला बायो टॉयलेट स्थापित किया गया है, जिसका शुभारंभ केंद्रीय कोयला एवं खान राज्यमंत्री सतीश चन्द्र दुबे के करकमलों से हुआ।



इस अवसर पर मंत्री दुबे ने एसईसीएल द्वारा खदानों में कार्यरत महिला कर्मियों के लिए किए जा रहे इस प्रयास की सराहना की और कहा कि “सुरक्षित, स्वच्छ और सम्मानजनक कार्यस्थल महिलाओं की भागीदारी को सशक्त बनाता है, और यही आत्मनिर्भर भारत की असली नींव है।”

इस अवसर पर एसईसीएल सीएमडी हरीश दुहन, निदेशक तक. (संचा सह यो/परि) एन फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (एचआर) बिरंची दास, निदेशक (वित्त) डी सुनील कुमार, एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

एसईसीएल प्रबंधन ने जानकारी दी कि यह पहल केवल एक खदान तक सीमित नहीं रहेगी। कंपनी के सभी क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से बायो टॉयलेट्स लगाए जाएंगे, ताकि फील्ड में कार्यरत हर महिला को मिले गरिमामय, समुचित और सुविधाजनक कार्य वातावरण।

एसईसीएल में वर्तमान में खदानों से लेकर तकनीकी और प्रशासनिक कार्यों तक महिलाएं विभिन्न भूमिकाओं में सक्रिय योगदान दे रही हैं। ऐसे में यह पहल कार्यस्थल पर उनकी गरिमा, स्वास्थ्य और सुविधा सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रेरक प्रयास है।

 

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