० सौंदर्यीकरण के नाम से तालाब का घनत्व कम हो रहा
दिलीप गुप्ता
सरायपाली। नगरपालिका द्वारा बड़े तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए ठेकेदार के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है । मिली जानकारी के अनुसार इस योजना हेतु 70 -80 रुपये स्वीकृत कराया गया है । कार्य अभी चालू हुवा ही है कि निर्माण कार्यो की गुणवत्ता , घटिया निर्माण व अनेक शिकायतें आने लग गई है । सर्वाधिक शिकायत तालाब की घनत्व लो काम कर दिए जाने को तथा सौंदर्यीकरण के नाम से धनराशि की की जा रही बर्बादी को लेकर है । अनुभवहीन व अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस तरह की योजनाएं जिसमे सर्वाधिक कमीशन मिल सके व भ्रष्टाचार अधिक किया जा सके तैयार की जाती है । नगरवासियो को विकास व सुविधा का सब्जबाग दिखा कर भ्रमित किया जा रहा है ।नगरपालिका द्वारा अधिकांश योजनाएं किसी पूर्व योजनाओं को ध्यान में रखकर नही नही बनाये जाने का नुकसान आर्थिक रूप से नगरपालिका व आम नागरिकों को होता है । बार बार तोड़फोड़ के परिणामस्वरूप सुविधाओ का लाभ नागरिको को नही मिल पाता ।
इसी तरह अभी नगरपालिका द्वारा तालाब सौंदर्यीकरण के नाम से कार्य प्रारंभ है । पर नगरपालिका द्वारा तालाबो के किनारे पाम के पौधे भारी संख्या में लगाये गए हैं जो सिर्फ सुंदरता के काम आएंगे । इतनी बड़ी धनराशि खर्च करने के बाद न आम जनता को धूप से राहत मिलेगी न ही पक्षियों को आश्रय मिलेगा और न ही पर वातावरण को पर्यावरण को उतना लाभ मिलेगा जितना इसके स्थान पर नीम , बरगद , पीपल व अन्य छायादार पौधों का रोपण किये जाने से मिलता ।
इसी तरह शिव मंदिर के ठीक बाजू में पूर्व में मजबूती से व हाल ही में बनाये गए घाट को तोड़ दिया गया ।जिसका समाचार आज की जनधारा में प्रकाशित कर विरोध दर्ज कराया गया था के बाद 2 हिस्सो में नए घाट का निर्माण अभी कुछ ही दिनों पूर्व किया गया है घाट में अभी उपयोग प्रारंभ भी नही हुआ है और इसके घटिया व गुणवत्ताविहीन निर्माण की पोल सामने आ गई है । घाट में अभी से दरारें पड़नी शुरू हो गई है । जो कि नगरपालिका व ठेकेदार के बीच सेटिंग को दर्शाता है । अभी जबकि इस घाट के फिनिसिंग का काम होना बाकी है बताया जा रहा है ।
हिन्दू धर्म में पूजा पाठ के दौरान निकलने वाले वेस्ट पूजा सामग्रियों को तालाब में विसर्जन किये जाने का प्रावधान है किंतु इन पूजा सामग्रियों के विसर्जन के लिए सुरक्षित व सुविधायुक्त कुंड य्या स्थान का तालाब में व्यवस्था नही काईये जाने से नगरवासीयों द्वारा ऐसे ही खुले में इन सामग्रियों को फेंक दिए जाने से यह गंदगी फैलाने के साथ साथ पानी को भी प्रदूषित कर रहा है । तालाब में यह पवित्र समझे जाने वाली सामग्रियां यत्र तत्र फैला हुवा है ।
तालाब सौंदर्यीकरण के संबंध में साप्ताहिक अखबार के संपादक व आर टी आई कार्यकर्ता भजनलाल ( भज्जू सेन ) ने बताया कि बड़ा तालाब सुंदरीकरण के संबंध में मेरे द्वारा एसडीम को शिकायत की गई थी जिसमें सौंदर्य करण का कार्य को एसडीएम के द्वारा रोक दिया गया था क्योंकि यह भूमाफियाओं को बचाने के लिए ही सौंदरीकरण करवा रहे हैं जबकि बड़ा तालाब का क्षेत्रफल 21 हेक्टेयर भूमि का है जो आज मात्र कुछ हेक्टेयर भूमि पर तालाब शेष बचा है है बाकी भूमि पर अतिक्रमण चारों ओर फैला हुआ है जिसको बचाने के लिए ही इस प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
अभी वे बाहर हैं नगर मे आते ही इसकी शिकायत कलेक्टर व उच्च अधिकारियों से की जायेगी।इसके साथ ही कुछ लोगो ने बताया की बस्ती सरायपाली के तरफ बनने वाले सौंदर्यीकरण के कार्यो के खिलाफ कुछ किसानो ने आपत्ति दर्ज करते हुए उन्होंने न्यायालय से स्टे लगवा दिया गया है। जिसकी वजह से अब एक बड़े हिस्से मे का नही हो पायेगा। तलब के सौंदरीकरण के नाम से मनमाने खर्च किया जा रहा है। यह तीसरी बार राशि स्वीकृत की गई है। लाखों रुपये खर्च किये जाने के बाद भी तालाब आज वही अपनी पुरानी स्थिति मे है। जानकारी के अनुसार तलब के चारो तरफ सीमेंटेट् दीवार खड़ी की जाने है यह बताया जा रहा है किंतु ठेकेदार द्वारा बगैर दीवार उठाये ही का चालू करा दिया गया है। पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान अध्यक्ष पति के खासमखास ठेकेदार को यह सुविधा दी गई है क्योंकि अपने कार्यकाल के दौरान बिजली सामानों का प्रमुख हिस्सेदार रहा है। जिसका फायदा उसे आज मिल रहा है ।