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कब लगेगा साल का पहला और अंतिम चंद्रग्रहण? भारत में कहां-कहां दिखेगा, जानिए ग्रहण का समय और सूतक काल

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इस साल का पहला और अंतिम चंद्रग्रहण सितंबर महीने में लगने वाला है। जो भारत में भी दिखाई देगा। शास्त्रों के मुताबिक, सूर्य और चंद्रमा ग्रहण राहु व केतु के प्रभाव के चलते लगता है। इस खगोलीय घटना का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही में बहुत अधिक महत्व होता है। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान धर्म-कर्म से जुड़े कार्य करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में ग्रहण में होने वाली घटनाओं के बारे में और इसके धार्मिक पहलू को भी विस्तार से समझाया गया है। आइए विस्तार से जानते हैं कि साल 2025 का पहला और अंतिम चंद्रग्रहण कब लगने जा रहा है, भारत में यह कहां-कहां दिखेगा, इसका समय और सूतक काल क्या होगा।



साल का पहला और अंतिम चंद्र ग्रहण
चंद्रमा ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा को 7 और 8 सितंबर की मध्यरात्रि में संपूर्ण भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। भारत के हर क्षेत्र में 7 सितंबर, रविवार के दिन शाम को 6 बजे से 7 बजे तक चन्द्र उदय हो चुका होगा। वहीं, यह पूर्ण चंद्रग्रहण 7 सितंबर के दिन रात में 9 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन मध्य रात्रि में 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 29 मिनट की होगी।
इस ग्रहण का स्पर्श और मोक्षादि काल कुछ इस प्रकार रहने वाला है-
ग्रहण का आरंभ समय : रात में 9 बजकर 57 मिनट पर
ग्रहण का खग्रास (पूर्ण रुप) आरंभ : रात में 11 बजकर 1 मिनट पर
ग्रहण का मध्य : रात में 11 बजकर 42 मिनट पर
ग्रहण का खग्रास समाप्त : रात में 12 बजकर 23 मिनट पर
चंद्र ग्रहण पूर्ण रूप से समाप्त : रात में 1 बजकर 26 मिनट पर

ग्रहण का समय : 7 सितंबर, रविवार को रात में 9 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा और मध्य रात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर इसका समापन होगा।

ग्रहण की कुल अवधि : 3 घंटे 29 मिनट
ग्रहण का सूतक काल : 7 सितंबर को दोपहर में 12 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा। चंद्र ग्रहण के समापन के साथ ही यानी मध्य रात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर सूतक काल भी समाप्त हो जाएगा।

कहां-कहां दिखेगा ग्रहण :
इस साल का पहला और आखिरी चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। इसके साथ ही, यह यूरोप में इंग्लैंड, इटली, जर्मनी, फ्रांस आदि में दिखाई देगा। अफ्रीका के अधिकतर देशों में इस ग्रहण का आरंभ चंद्रमा उदय होने के बाद देखा जा सकेगा। पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी आदि में इस ग्रहण की समाप्ति चन्द्रास्त के समय देखने को मिलेगी। वहीं, भारत और पूरे एशिया में इस ग्रहण को प्रारंभ से लेकर समाप्ति तक देखा जा सकेगा।

ग्रहण काल में इन बातों का रखें ख्याल :
0 चंद्रमा ग्रहण के सूतक तथा ग्रहण काल में स्नान, दान, मंत्र जाप, स्तोत्र पाठ, ध्यान आदि करना बहुत कल्याणकारी माना जाता है।
0 तिल, वस्त्र, अनाज, सफेद वस्त्र, मौसमी फल, चांदी और घी का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। ग्रहण काल से पहले यानी 7 सितंबर को सूर्यास्त से पूर्व ही इन वस्तुओं को एकत्रित करके इन्हें दान करने का संकल्प ले लेना चाहिए। इसके बाद, अगले दिन यानी 8 सितंबर को सूर्योदय के समय दान करना चाहिए।
0 सूतक और ग्रहण काल में भगवान की प्रतिमा को स्पर्श नहीं करना चाहिए। साथ ही, इस दौरान अनावश्यक भोजन, नींद, नाखून काटना, सिलाई आदि की भी मनाही होती है।
0 गर्भवती महिलाओं को इस दौरान सब्जी काटना, पापड़ सेंकना आदि उत्तेजित कार्यों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। साथ ही, किसी भी नुकीली चीज को स्पर्श नहीं करना चाहिए।

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