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भारी बारिश ने मचाई तबाही , रोकी गई अमरनाथ यात्रा, अन्य राज्यों में भी हालात सुधारने जुटी सेना

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जम्मू। देश में हर तरफ मानसून कहर बनकर टूटा है। पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में मानसून का कहर टूटा है। आसमान से आफत की बारिश हो रही है, जो जमीन पर तबाही मचा रही है। बारिश के कारण जगह-जगह मार्ग के टूटने से अमरनाथ यात्रा समय से एक सप्ताह पहले ही खत्म करनी पड़ी है। मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से शनिवार तड़के जम्मू-कश्मीर के कठुआ और उधमपुर में दो पुल ढह गए और पांच घरों में दरारें आ गईं।



उत्तराखंड के चमोली में एक पन बिजली परियोजना के भूस्खलन की चपेट में आने से 12 मजदूर घायल हो गए हैं। हिमाचल में चार राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 387 सड़कें बंद हैं। वहीं, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बाढ़ से बिगड़े हालात के बीच सेना ने राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है।

 

कश्मीर के मंडल आयुक्त विजय कुमार बिधुड़ी ने बताया कि हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण श्री अमरनाथजी यात्रा के दोनों मार्गों बालटाल और पहलगाम को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके रखरखाव और मरम्मत के लिए दोनों ट्रैकों पर यात्रा बंद कर दी गई है। रास्तों के जगह-जगह टूटने से यात्रा पहले ही 3 अगस्त तक स्थगित कर दी गई थी। लेकिन अब गंभीर स्थिति को देखते हुए यात्रा पूरी तरह से रोक दी गई है। पहले यह यात्रा रक्षा बंधन के दिन 9 अगस्त को समाप्त होने वाली थी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 4.10 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए हैं।

चमोली में भूस्खलन में 12 मजदूर आए चपेट में
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि हेलंग के पास टीएचडीसी विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना स्थल पर भूस्खलन हुआ। उस समय वहां 300 मजदूर काम कर रहे थे। पहाड़ से पत्थरों को गिरते देख मजदूर सुरक्षित स्थानों पर भागे, लेकिन 12 उसकी चपेट में आ गए। सभी को पिपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चार को गंभीर चोट लगी है। एक मजदूर को रीढ़ की हड्डी में चोट है और उसे श्रीनगर के अस्पताल में भेजा गया है। टीएचडीसी से मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद ही परियोजना पर दोबारा काम शुरू करने के लिए कहा गया है।

105 लोगों को बचाया गया
मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थिति खराब होने पर सेना ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया है। मध्य प्रदेश के ईसागढ़ और सिहोर क्षेत्रों में राहत और सहायता कार्य के लिए सेना की टुकड़ी को लगाया गया है। गुना में भी सेना की टुकड़ी राहत और बचाव कार्य में जुटी है। राजस्थान के धौलपुर में भी सेना की टुकड़ी को भेजा गया है। सेना ने अब तक 105 लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित पहुंचाया है। 300 से अधिक लोगों को चिकित्सा सहायता भी प्रदान की है।

हिमाचल में 100 की गई जान
हिमाचल प्रदेश में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में मृतकों की संख्या 101 हो गई है। प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग चंडीगढ़-मनाली (एनएच 21), मनाली-लेह (एनएच 3), औत-लुहरी (एनएच 305) और खाब-ग्रम्फू (एनएच 505) समेत 387 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गई हैं। इनमें से सबसे अधिक 187 सड़कें अकेले मंडी जिले में हैं जो आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके अलावा, राज्य भर में 747 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर और 249 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय पर्यावरम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात और बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए राहत पैकेज की मांग की।

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