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नवा रायपुर बनेगा राज्य का पहला सोलर सिटी, सभी शासकीय भवन होगें सौर ऊर्जा से रोशन

० सोलर सिटी योजना के तहत् 10 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट लगाने का लक्ष्य
० सलाना 160 लाख यूनिट बिजली का उप्तादन
० बिजली बिल में लगभग 14.50 करोड़ रूपए की बचत
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में नवा रायपुर को सोलर सिटी बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। क्रेडा के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी एवं राजेश सिंह राणा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी के संवेदनशील एवं दूरदर्शी नेतृत्व में क्रेडा द्वारा नवा रायपुर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए दिए गए प्रस्ताव पर अटल नगर, नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एन.आर.डी.ए.) द्वारा अपनी सहमति दे दी गई है। अब आने वाले दिनों में इसके लिए व्यापक कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ करने की तैयारी शुरू होगीं।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट क्षमता के ऊर्जा उत्पादन अक्षय ऊर्जा के माध्यम से पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र परियोजना प्रचलित है। ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्रों की स्थापना हेतु छायामुक्त स्थल तथा भवन के अनुबंध भार के आधार पर क्षमता निर्धारित की जाती है तथा संयंत्र स्थापित कर विद्युत् को नेट मीटरिंग प्रणाली के तहत् ग्रिड में प्रवाहित किया जाता है। वर्तमान में राज्य में 01 से 500 किलोवाट क्षमता तक के ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र को नेट मीटरिंग प्रणाली के तहत् स्थापित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) ने नवा रायपुर को सोलर सिटी बनाने के लिए राज्य सरकार से 65 करोड़ रूपए की राशि मांग की गई है। इसके तहत मंत्रालय एवं शासकीय विभागों के मुख्यालय भवन तथा अन्य कार्यालय भवन, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और रेलवे स्टेशन जैसे बड़े परिसर, तथा स्ट्रीट लाईट सौर ऊर्जा आधारित संयंत्र से रोशन होंगे। पहले चरण में 10 मेगावाट क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड सौर संयंत्र लगाए जाएंगे। उक्त संयत्र से उत्पादित विद्युत को सीधे ग्रिड में प्रवाहित किया जाएगा। इससे हर साल करीब 160 लाख यूनिट बिजली उत्पादन अनुमानित है। जिसमें लगभग 14.50 करोड़ रूपए बिजली बिल में वार्षिक बचत होने का अनुमान है तथा सोलर पॉवर प्लांट के जीवन काल तक 350 से 400 करोड़ रूपए की बचत होना अनुमानित है। पूर्व में क्रेडा द्वारा मंत्रालय, इंद्रावती भवन, व्यापमं, पुलिस मुख्यालय सहित कई सरकारी भवनों में 2.5 मेगावाट का संयंत्र पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
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