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मणिपुर में PM मोदी ने लोगों से की शांति के मार्ग पर चलने की अपील, कहा – ‘मैं आपके साथ, भारत सरकार आपके साथ’

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इंफाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मणिपुर का दौरा किया। दो साल पहले भड़की हिंसा के बाद पीएम मोदी का यह इस पूर्वोत्तर राज्य का पहला दौरा है। उन्होंने मणिपुर के चुराचांदपुर में विभिन्न विकास कार्यों की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने मणिपुर के लोगों से वादा करते हुए कहा, ‘मैं आपके साथ हूं, भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है।’

 

उन्होंने कहा, ‘मैं मणिपुर के लोगों के जज्बे को सलाम करता हूं। भारी बारिश के बावजूद आप इतनी बड़ी संख्या में यहां एकत्रित हुए हैं और मैं आपके प्यार और स्नेह के लिए तहे दिल से आभारी हूं। जब मौसम की वजह से मेरा हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका, तो मैंने सड़क मार्ग से यात्रा करने का विकल्प चुना। सड़क किनारे लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर मेरा स्वागत किया। मुझे जो गर्मजोशी और प्यार मिला, उसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा। मैं मणिपुर के लोगों के प्रति सम्मानपूर्वक अपना सिर झुकाता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘मणिपुर की ये धरती हौसलों और हिम्मत की धरती है। ये हिल्स… प्रकृति का अनमोल उपहार हैं, और साथ ही ये हिल्स आप सभी लोगों की निरंतर मेहनत का भी प्रतीक हैं। मणिपुर के नाम में ही मणि है, ये वो मणि है, जो आने वाले समय में पूरे नॉर्थ-ईस्ट की चमक को बढ़ाने वाली है। भारत सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि मणिपुर को विकास के रास्ते पर तेजी से आगे ले जाएं। इसी कड़ी में मैं आज यहां आप सभी के बीच आया हूं। थोड़ी देर पहले इसी मंच से करीब 7 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। ये प्रोजेक्ट्स मणिपुर के लोगों की, यहां हिल्स पर रहने वाले ट्राइबल समाज की जिंदगी को और बेहतर बनाएंगे।’

उन्होंने कहा, ‘आज भारत बहुत तेजी से विकसित हो रहा है। हम बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं। हमने देशभर में गरीबों के लिए पक्के घर बनाने की योजना शुरू की। इसका फायदा मणिपुर के भी हजारों परिवारों को मिला। बीते साल में 15 करोड़ से अधिक देशवासियों को नल से जल की सुविधा मिल चुकी है। मणिपुर में 7-8 साल पहले तक सिर्फ 25-30 हजार घरों में ही पाइप से पानी आता था। आज यहां साढ़े 3 लाख से अधिक घरों में नल से जल की सुविधा मिल रही है।’

उन्होंने कहा कि हमें संतोष है कि हाल ही में पहाड़ी और घाटी में अलग-अलग संगठनों के साथ समझौतों के लिए बातचीत हुई है। ये भारत सरकार के उन प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें संवाद, सम्मान और आपसी समझ को महत्व देते हुए शांति की स्थापना के लिए काम किया जा रहा है। मैं सभी संगठनों से अपील करूंगा कि शांति के रास्ते पर आगे बढ़कर अपने सपनों को पूरा करें। मैं आपके साथ हूं, भारत सरकार मणिपुर के लोगों के साथ है।

पीएम मोदी ने कहा कि पहले पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में अच्छे स्कूल और अस्पताल बस एक सपना ही थे। आज भारत सरकार के प्रयासों से यह स्थिति बदल रही है। चुराचांदपुर में अब एक मेडिकल कॉलेज बन गया है। आजादी के दशकों बाद भी मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं था। हमारी सरकार ने इस जरूरत को पूरा किया है। पीएम-देवाइन योजना के तहत हमारी सरकार पांच पहाड़ी जिलों में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का विकास कर रही है। आयुष्मान भारत योजना के जरिए भारत सरकार गरीबों को ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मुहैया करा रही है। अकेले मणिपुर में ही इस योजना के जरिए 2.5 लाख से ज्यादा मरीजों को मुफ्त इलाज मिल चुका है।

हिंसा से विस्थापित परिवार के लोगों से मिलते पीएम मोदी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चुराचांदपुर के शांति मैदान में मणिपुर जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए कई लोगों से बातचीत की। पीएम मोदी ने आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) के परिवारों की चिंताओं को सुना और उन्हें राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। जातीय हिंसा के कारण 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं, जिनमें से लगभग 40,000 कुकी जो समुदाय से और लगभग 20,000 मैतेई समुदाय के लोग हैं।

हालांकि, कई विस्थापित लोग राज्य से बाहर चले गए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर राहत शिविरों में खराब जीवन स्थितियों में रह रहे हैं, जहां न तो कोई निजता है और न ही आय का कोई स्रोत। अधिकारियों ने बताया कि सरकार मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने सहित कौशल विकास कार्यक्रमों के जरिए राज्य में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। मई 2023 में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 260 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।