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अब जलमार्ग से जुड़ेगा छत्तीसगढ़, मास्टर प्लान भी जल्द बनेगा, ये हैं प्रस्तावित जलमार्ग…जानें इसका उद्देश्य-लाभ

० असम की बैठक में पहुंचे छत्तीसगढ़ के अफसर, अंतर्देशीय जलमार्ग को सौंपा गया प्रस्ताव, माल परिवहन के लिए भी कम लेगा पैसा

रायपुर। अब छत्तीसगढ़ जलमार्ग से जुड़ने जा रहा है। दरअसल, प्रदेश में पर्यटन और परिवहन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अंतर्देशीय राजमार्गों का मास्टर प्लान तैयार करेगी। इसके साथ ही नदी परिभ्रमण पर्यटन के लिए नदियों और जलाशयों को भी चिन्हित किया जा रहा है। अब तक एक दर्जन अंतर्देशीय जल मार्ग और नौ नदी परिभ्रमण पर्यटन के लिए स्थलों की पहचान की जा चुकी है। बता दें कि ‘जल मार्ग से नव निर्माण देश लगा नहीं उड़ान’ केंद्र सरकार की इस सोच में छत्तीसगढ़ में भी सक्रियता से काम करने के लिए पहल शुरू हो चुकी है। माल परिवहन के लिए सबसे सस्ता वाला जलमार्ग में लगता है।

इस संबंध में असम के कांजीरंगा में केंद्रीय पोत परिवहन और जल मार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जल अंतर्देशीय जलमार्ग परिषद की बैठक हुई। इसमें छत्तीसगढ़ शासन की ओर से जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदेश की प्रस्ताव की जानकारी दी गई। छत्तीसगढ़ से मुख्य अभियंता महानदी गोदावरी कछार एसकेटी कंपनी के नेतृत्व में तीन सदस्य अधिकारियों के दल बैठक में शामिल हुआ दल ने ब्रह्मपुत्र नदी में जल मार्ग का भी अवलोकन किया।

देश के कई राज्य इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जिनमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद जल मार्ग के रास्ते प्रदेश परिवहन और पर्यटन को बढ़ाने की दीर्घकालिक नींद के तहत काम शुरू किया गया है। इसके तहत यहां की प्रमुख नदियों महानदी इंद्रावती शिवनाथ शबरी में जलमार्ग की संभावना पर अध्ययन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में अंतर्देशीय जल मार्ग विकास परिषद के गठन की प्रक्रिया चल रही है अगले दो माह में इसके गठन का काम होने की संभावना है। अंतर्देशीय जल मार्ग विकास परिषद की पिछले साल जनवरी में कोलकाता में आयोजित बैठक में भी छत्तीसगढ़ शामिल हुआ था। सर्वाधिक प्रस्ताव बस्तर और रायपुर संभाग के हैं।

देश में जल मार्ग तैयार करने की दिशा में देश में 1975 से काम चल रहा है, लेकिन 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद परिवहन और पर्यटन को बढ़ावा देने वृहद स्तर पर काम शुरू किया गया। 2014 के पहले केवल पांच जलमार्ग तैयार किए गए थे। इसके बाद बीते एक दशक में 111 जल मार्ग तैयार करने पर काम चल रहा है एक दर्जन से अधिक जलमार्ग तैयार हो चुके हैं।

ये हैं छत्तीसगढ़ के प्रस्तावित अंतर्देशीय जलमार्ग
• सबरी नदी अंतर्देशीय जलमार्ग: 220 कि.मी. (तिरिया-कोंटा)
• महानदी नदी अंतर्देशीय जलमार्ग: 250 कि.मी. (राजिम-रायगढ़)
• इंद्रावती नदी अंतर्देशीय जलमार्ग: 200 कि.मी.
• नारंगी नदी अंतर्देशीय जलमार्ग: 50 कि.मी.
• शिवनाथ नदी अंतर्देशीय जलमार्ग: 100 कि.मी.
• गुडरू नदी अंतर्देशीय जलमार्ग
• भवरडीह नदी अंतर्देशीय जलमार्ग
• इब नदी अंतर्देशीय जलमार्ग
• खारुन नदी अंतर्देशीय जलमार्ग
• हसदेव नदी अंतर्देशीय जलमार्ग
• महानदी नहर अंतर्देशीय जलमार्ग
• बांगो नहर अंतर्देशीय जलमार्ग

ये हैं प्रस्तावित नदी क्रूज पर्यटन
• चित्रकोट – मटनार (इंद्रावती नदी)- 05 कि.मी.
• तिरिया – कोंटा (सबरी नदी)- 220 कि.मी.
• गंगरेल बांध (अपस्ट्रीम)
• हसदेव बांगो बांध (अपस्ट्रीम)
• तांदुला बांध (अपस्ट्रीम)
• कोसारटेडा बांध (अपस्ट्रीम)
• खारंग बांध (अपस्ट्रीम)
• मनियारी बांध (अपस्ट्रीम)
• परलकोट बांध (अपस्ट्रीम)

मास्टर प्लान के उद्देश्य
1. अंतरर्देशी जलमार्गों का विकास: देश के अंदरूनी हिस्सों में जलमार्गों का विकास करना ताकि व्यापार, परिवहन और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
2. परिवहन लागत में कमी: जलमार्गों के माध्यम से परिवहन लागत में कमी लाना ताकि व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिल सके।
3. प्रदूषण में कमी: जलमार्गों के माध्यम से परिवहन करने से प्रदूषण में कमी आएगी क्योंकि जलमार्गों पर चलने वाले जहाजों से कम प्रदूषण होता है।
4. रोजगार के अवसर: जलमार्गों के विकास से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे जिससे स्थानीय लोगों को लाभ होगा।

मास्टर प्लान के लाभ
1. आर्थिक विकास: जलमार्गों के विकास से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
2. रोजगार के अवसर: जलमार्गों के विकास से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
3. परिवहन लागत में कमी: जलमार्गों के माध्यम से परिवहन लागत में कमी आएगी।
4. प्रदूषण में कमी: जलमार्गों के माध्यम से परिवहन करने से प्रदूषण में कमी आएगी।
5. सुरक्षा में सुधार: जलमार्गों पर सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन की व्यवस्था करने से सुरक्षा में सुधार होगा।

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