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Gaza: छह हफ्ते का संघर्ष विराम आज सुबह से, इस्राइली सेना पीछे हटेगी; हमास 33 बंधक छोड़ेगा, कैदी भी रिहा होंगे

Smoke rises after Israeli strikes, amid the ongoing conflict between Israel and Palestinian Islamist group Hamas, in Gaza City November 6, 2023. REUTERS/Mohammed Al-Masri TPX IMAGES OF THE DAY

 

इंटरनेशनल न्यूज़। इस्राइल के मंत्रिमंडल ने शनिवार को गाजा संघर्ष विराम समझौते को मंजूरी दे दी है। छह हफ्ते तक चलने वाला संघर्ष विराम रविवार सुबह 8.30 बजे से लागू होगा। इसके तहत हमास पहले चरण में 33 बंधकों को रिहा करेगा और बदले में इस्राइल 700 फलस्तीनी कैदियों को मुक्त करेगा। इस समझौते से दोनों पक्ष अपने सबसे घातक व विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के एक कदम और करीब पहुंच जाएंगे।

इस्राइली मंत्रिमंडल की बैठक यहूदी सब्बाथ की शुरुआत के बाद हुई, जो मौके के महत्व को दर्शाता है। यहूदी कानून के अनुसार इस्राइली सरकार आमतौर पर जीवन-मृत्यु के आपातकालीन मामलों को छोड़कर सब्बाथ में सभी काम रोक देती है। सब्बाथ का अर्थ होता है सप्ताह का सातवां दिन। यह शुक्रवार शाम से शनिवार शाम तक यहूदियों व कुछ ईसाइयों की तरफ से विश्राम व पूजा के दिन के रूप में मनाया जाता है। कैबिनेट में संघर्ष विराम का फैसला आठ के मुकाबले 24 वोटों से किया गया। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक विशेष कार्य बल को गाजा से लौटने वाले बंधकों को लेने के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया और कहा कि उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया है कि समझौता हो गया है।

 

नेतन्याहू बोले- संघर्ष विराम समझौता अस्थायी
हालांकि, नेतन्याहू ने यह भी कहा है कि यह स्थायी समझौता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस्राइल का हमास के साथ जो संघर्ष विराम हुआ है, उसे वे अस्थायी मानते हैं, और जरूरत पड़ने पर लड़ाई जारी रखने का अधिकार रखते हैं। नेतन्याहू ने युद्ध विराम शुरू होने से ठीक 12 घंटे पहले राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का उन्हें समर्थन प्राप्त है।

बंधकों की सूची मिलने तक संघर्ष विराम पर आगे नहीं बढ़ेगा इस्राइल : नेतन्याहू
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को कहा कि इस्राइल तब तक गाजा संघर्ष विराम पर आगे नहीं बढ़ेगा, जब तक उसे उन 33 बंधकों की सूची नहीं मिल जाती, जिसे पहले चरण में हमास रिहा करेगा। नेतन्याहू ने कहा, इस्राइल समझौते के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी हमास पर है। नेतन्याहू ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि इस्राइल हमास के साथ संघर्ष विराम को अस्थायी मान रहा है और यदि जरूरत पड़ी, तो युद्ध जारी रखने का उसे अधिकार है। इसके लिए उसे डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन भी हासिल है।

उधर, मध्यस्थ कतर के विदेश मंत्री माजिद अल-अंसारी ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि युद्धविराम समझौता रविवार सुबह 8:30 बजे से लागू हो जाएगा। उन्होंने लोगों को सावधानी बरतने व अधिकारियों के निर्देशों की प्रतीक्षा करने की सलाह दी।

इस बीच, फलस्तीनी सेना के प्रवक्ता ने बंधकों के परिवारों से अपील की है कि वह इस्राइल को आखिरी वक्त में हमले तेज करने से रोकें, अन्यथा इन हमलों में बंधकों की मौत भी हो सकती है। हमास ने कहा कि बंधकों की रिहाई की प्रणाली इस बात पर निर्भर करेगी कि इस्राइल कितने कैदियों को रिहा करता है।

उल्लेखनीय है कि मध्यस्थता कर रहे कतर व अमेरिका ने बुधवार को संघर्ष विराम की घोषणा की थी, लेकिन यह समझौता कुछ वक्त के लिए अधर में लटका रहा। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने जोर देकर कहा था कि अंतिम समय में कुछ जटिलताएं उत्पन्न हो गई थीं। उन्होंने इसके लिए आतंकवादी समूह हमास को जिम्मेदार ठहराया था।

फलस्तीनी कैदियों को खुद ले जाएगी इस्राइली जेल सेवा
इस्राइल की जेल सेवाओं ने कहा कि वह कैदियों को रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति के बजाय खुद ले जाएगी। पहले युद्ध विराम के दौरान रेड क्रॉस ने परिवहन का प्रबंध किया था। हालांकि, संघर्ष विराम को लेकर कई सवाल अब भी बने हुए हैं। इनमें सबसे अहम सवाल है कि पहले चरण में हमास की तरफ से कौन से 33 बंधक रिहा किए जाएंगे और उनमें कितने अब तक जीवित हैं। इस्राइल का कहना है कि 65 और बंधक अब भी हमास की कैद में हैं।

छोड़े जाने वाले फलस्तीनियों में कई हमास व इस्लामी आतंकी समूह के सदस्य
इस्राइल के न्याय मंत्रालय ने जिन 700 से अधिक फलस्तीनी कैदियों की सूची प्रकाशित की है, उनमें कई हमास व इस्लामी आतंकी समूह के सदस्य हैं। इनमें से कुछ आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में दोषी हैं। सूची में मारवान बरगौती (64) का नाम शामिल नहीं है, जो इस्राइल की तरफ से बंदी बनाया गया सबसे प्रमुख कैदी है। बरगौती को फलस्तीन के राष्ट्रपति पद के प्रमुख उम्मीदवार के तौर पर देखा जाता है। वह 2000 के दशक के प्रारंभ में दूसरे फलस्तीनी विद्रोह के दौरान पश्चिमी तट में एक नेता था। हमास बरगौती की रिहाई की मांग करता रहा है, जबकि इस्राइली अधिकारी इसकी संभावना से इन्कार करते रहे हैं। फलस्तीनी कैदियों की यह सूची इस्राइल के पूर्ण मंत्रिमंडल की तरफ से युद्ध विराम समझौते को मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटों बाद जारी की गई। मंत्रालय ने कहा कि फलस्तीनियों को रविवार स्थानीय समयानुसार शाम चार बजे से पहले रिहा नहीं किया जाएगा।

पीछे हटेगी इस्राइली सेना, हजारों फलस्तीनी घर लौटेंगे
संघर्ष विराम के पहले चरण के तहत गाजा के कई क्षेत्रों से इस्राइली सेना पीछे हटेगी। इसके बाद हजारों फलस्तीनी अपने घरों को लौट सकेंगे। हालांकि, शरणार्थी शिविरों में रह रहे लोगों को अभी यह नहीं पता कि उनके घर किस हाल में हैं। इस्राइली सेना ने कहा कि उसके सैनिक धीरे-धीरे वापसी करेंगे। जिन क्षेत्रों में इस्राइली सेना होगी, वहां फलस्तीनियों को लौटने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

फिर से खुल सकती है राफा क्रॉसिंग
इस बीच, मिस्र व गाजा को जोड़ने वाली राफा क्रॉसिंग के फिर से खुलने की संभावना बढ़ गई है। शुक्रवार को क्रॉसिंग पर मिस्र की तरफ कई ट्रकों को खड़ा देखा गया, जिनमें सहायता सामग्री लदी हुई थी। मिस्र के एक अधिकारी ने बताया कि क्रॉसिंग खोलने संबंधी वार्ता के लिए इस्राइली प्रतिनिधिमंडल व शिन बेट इंटरनल सिक्योरिटी एजेंसी शुक्रवार को मिस्र पहुंची थी। एक इस्राइली अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि की।

हिजबुल्ला ने समझौते का किया स्वागत
हिजबुल्ला के शीर्ष नेता नईम कासीम ने समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि फलस्तीनी लोगों के बलिदान ने फलस्तनी मुद्दे को मिटाने के इस्राइल के प्रयासों को विफल कर दिया है। हिजबुल्ला महासचिव ने कहा कि 27 नवंबर को युद्धविराम लागू होने के बाद से इस्राइल ने सैकड़ों बार युद्ध विराम का उल्लंघन किया है। हिजबुल्ला के धैर्य की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए।

गाजा की पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए फलस्तीन तैयारः अब्बास
फलस्तीन के राष्ट्रपति मोहमूद अब्बास ने गाजा से इस्राइली सेना की पूरी तरह वापसी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस्राइल गाजा की पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है। उन्होंने यह दोहराया कि गाजा फलस्तीन का अभिन्न हिस्सा है।

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