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लोग संत को भगवान का दर्जा दे रहे हैं वो पूरी तरह से गलत है: चित्रलेखा

दुर्ग। दुर्ग के गंजमंडी मैदान में आयोजित श्रीमतभगवत कथा में कथावाचक देवी चित्रलेखा 2 से 8 फरवरी तक गंजपारा मैदान में कथा चलेगी। आज उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि संत चाहे किसी भी जाति का क्यों न हो उसका सम्मान करना चाहिए। वही कुछ लोग संत को भगवान का दर्जा दे रहे हैं वो पूरी तरह से गलत है। भगवान की जगह कोई नहीं ले सकता है। वही उन्होंने उत्तरप्रदेश के लखनऊ में रामचरितमानस के प्रतियों को जलाने वाले पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है

देवी चित्रलेखा ने ने कहा कि भक्ती में कभी चमत्कार नहीं होता। वो विश्वास है। जैसे मीरा को प्रभु कृष्ण पर विश्वास था। वो जहर पी गई और उन्हें कुछ नहीं हुआ। इससे बड़ा चमत्कार क्या होगा लेकिन ये चमत्कार नहीं मीरा का कृष्ण के प्रति एक विश्वास था। उसी विश्वास के बल पर जहर भी उन्हें नहीं मार पाया। 5 पांडवों की सेना ने केवल एक कृष्ण को लेकर कौरवों की इतनी बड़ी सेना को हरा दिया। इसे भी चमत्कार का नाम दे सकते थे लेकिन भगवान कृष्ण के प्रति पाण्डवों का विश्वास था कि उन्होंने इतनी युद्ध को जीता।देवी चित्रलेखा ने कहा कि चमत्कार से ज्यादा भरोसा अपने कर्म पर करना चाहिए ।

उत्तरप्रदेश में रामचरित मानस का विरोध करने वाले लोगो को अधर्मी बताया हैं। जो भी लोग इसका विरोध कर रहे है, उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चहिए। इससे बड़ा अपराध कोई हो ही नही सकता। जिस ग्रंथ ने हमे जीने का तरीका सिखाया है उन्ही का यदि कोई अपमान करता है। तो इसके लिए संत समाज को भी आगे आकर इन लोगो का विरोध करना चाहिए।भारत जैसे देश में रहकर जो व्यक्ति इस धार्मिक ग्रंथ को जलाने का सामर्थ्य दिखाता है। तो इससे बड़ी निकृष्टता और नीचता और कुछ नही हो सकता। भारत सनातनियो का देश है कार्यवाही के लिए यदि संत समाज मांग करता है। तो सरकार को भी इस तरह के लोगो के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।

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