दिल्ली। संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी कामकाजी दिन है। राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट पेश की गई। लोकसभा में प्रश्नकाल की शुरुआत के बाद जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित हुई।
आज राज्यसभा में जेपीसी रिपोर्ट मेधा कुलकर्णी ने पेश की। रिपोर्ट पेश होने के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इससे कई सदस्य असहमत हैं। खरगे ने जेपीसी की रिपोर्च को फर्जी और अलोकतांत्रिक करार दिया। उन्होंने कहा कि बाहर से सदस्यों को आमंत्रित कर बयान दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसी असंसदीय रिपोर्ट को सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनाया जाना चाहिए। खरगे ने कहा कि अगर रिपोर्ट में असहमति के स्वर को जगह नहीं दी गई है तो ऐसी स्थिति में इसे अस्वीकार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को हर हाल में वापस किया जाना चाहिए।
सदन की कार्यवाही के दौरान सदस्यों की तरफ से विरोध और आक्रोश प्रकट किए जाने के मुद्दे पर खरगे ने कहा कि अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की जा रही है। सांसद किसी के घर के मुद्दे या निजी मसले पर सदन की कार्यवाही बाधित नहीं करते।
सभापति ने तीन सांसदों का नाम लेकर चेतावनी दी
सभापति धनखड़ ने सदन के वेल में आने वाले तीन सांसदों का नाम लेकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा, समीरुल इस्लाम, नदीमुल हक और मोहम्मद अब्दुल्ला ने सदन के वेल में आकर कार्यवाही को बाधित किया। उन्होंने कहा कि सदन में व्यवस्था बहाल न होने पर विवश होकर उन्हें कड़े फैसले लेने पड़ेंगे।
राज्यसभा में हंगामा जारी, सरकार ने विपक्ष के बर्ताव की निंदा की
दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर हंगामा और शोर-शराबा जारी रहने को लेकर सभापति जगदीप धनखड़ ने नाराजगी भी प्रकट की। उन्होंने सांसदों को असंसदीय आचरण करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी। सदन के नेता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी विपक्षी सांसदों के आचरण पर दुख प्रकट किया। उन्होंने विपक्ष के गैरजिम्मेदाराना रवैये की कड़ी निंदा की और कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की तरफ से दिए गए संदेश को पढ़े जाने के समय सदन में अव्यवस्था खेदजनक है।