बैंक खातों की जब भी बात होती है तो दो तरह के खातों का जिक्र जरूर आता है. पहला- सेविंग अकाउंट और दूसरा करंट अकाउंट. आज हम आपको बताएंगे कि इन दोनों खातों में क्या अंतर है.
कर्मचारी, मासिक वेतन पाने वाले और बचत के लिए बचत खाता या सेविंग अकाउंट खुलवाया जाता है.
नाबालिग के नाम पर भी बचत खाता खुलवाया जा सकता है.
बिजनेसमैन, स्टार्टअप, पार्टनरशिप फर्म, LLP, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, पब्लिक लिमिटेड कंपनी आदि करंट खाता खुलवा सकते हैं.
सेविंग्स अकाउंट एक डिपॉजिट अकाउंट होता है. इसमें लिमिटेड ट्रांजेक्शन की अनुमति रहती है.
करंट खाता डेली ट्रांजेक्शन के लिए होता है.
सेविंग्स अकाउंट पर ग्राहक को ब्याज मिलता है.
कंरट अकाउंट पर कोई ब्याज नहीं मिलता है.
मिनिमम और मैक्सिमम बैलेंस
करंट और सेविंग दोनों तरह के खातों में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य है.
जहां तक मैक्सिमम बैलेंस की बात है तो करंट अकाउंट में बैलेंस रखने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है.
सेविंग्स अकाउंट में अधिकतम सीमा होती है.
सेविंग अकाउंट :
बजत खाते में जमा पर ब्याज मिलता है.
खाताधारक को होने वाली ब्याज आय टैक्स के दायरे में आती है.
साल में ब्याज आय 10000 रुपये तक होन पर ब्याज नहीं लगेगा. सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा 50000 रुपये तक है.
करंट अकाउंट :
करंट अकाउंट पर ब्याज नहीं मिलता है.