० विधानसभा अध्यक्ष को कहना पड़ रहा है वेंटिलेटर में जाने से बचा लो विभाग को
रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री कन्हैया अग्रवाल ने प्रदेश के राजस्व मंत्री और उनके महकमें के प्रमुख जिम्मेदारों को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को राजस्व के घोटाले से मुक्ति दिलाएं और मठ मंदिर सार्वजनिक उपयोग की सरकारी भूमि को वह माफिया के कब्जे से बचाए ।
श्री अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा में माननीय विधायकों के सवालों के जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा लगातार भ्रष्टाचारियों का बचाव करते गोलमोल जवाब देते रहे जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह को टिप्पणी करनी पड़ी के मंत्री जी विभाग को वेंटिलेटर में जाने से बचा लीजिए । विधानसभा अध्यक्ष की एक टिप्पणी ही सरकार के मंत्री और उनके महकमें के भ्रष्ट अधिकारियों के कारनामों की खुली किताब की तरह है । प्रदेश के मुखिया को इसे संज्ञान में लेते हुए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ।
उन्होंने कहा की पुरानी बस्ती के ऐतिहासिक रामचंद्र स्वामी मंदिर ट्रस्ट हनुमान मंदिर गोपीदास मंदिर ट्रस्ट की लगभग 500 करोड रुपए की सैकड़ों एकड़ जमीन घोटाले का मामला कुछ दिनों पूर्व ही सामने आया था किस तरह फर्जी तरीके से नामांतरण कर जमीन बेची गई । राम के नाम पर सरकार बनाने वालों ने स्वामी रामचंद्र मंदिर ट्रस्ट की ही भूमि को भूमाफियाओं के हवाले कर दिया ।
प्रदेश महामंत्री कन्हैया अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा की कार्रवाई के दौरान ही नामांतरण कार्य के लिए 15 दिन निर्धारित समयावधि और विशेष स्थिति में 08 अतिरिक्त दिनों के प्रावधान की जानकारी आई है ,परंतु छह माह से अधिक पुराने नामांतरण के लाखों प्रकरण पेंडिंग हैं । शासन के नियमानुसार नामांतरण निशुल्क किया जाता है लेकिन बगैर सेवा शुल्क नामांतरण लगभग असंभव है,जिनका सेवा शुल्क जमा होता है निर्धारित समय अवधि से पहले ही उनका नामांतरण हो जाता है जिनका कथित सेवा शुल्क जमा नहीं होता ऐसे लाखों मामले पेंडिंग पड़े रहते हैं । नामांतरण के बाद ऑनलाइन नाम चढ़ाने के लिए क्रेता एक बार फिर परेशान होता है और जब तक मांगा गया सेवा शुल्क नहीं दिया जाता ऑनलाइन नाम चढ़ाने का काम भी नहीं होता है । श्री अग्रवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से प्रदेश के मठ मंदिरों की जमीनों को बचाने की मांग करते हुए कहा कि भू माफियाओं के संरक्षणकर्ता राजस्व अफसरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि विभाग को वेंटिलेटर में जाने से बचाया जा सके ।