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2 से ज्यादा बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं, SC ने माना नियम बिलकुल सही, खारिज की पूर्व सैनिक की याचिका

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एक मामले में पूर्व सैनिक की याचिका खारिज कर दी है। पूर्व सैनिक को दो से ज्यादा बच्चे होने के कारण सरकारी नौकरी नहीं दी गई थी जिसके खिलाफ उसने शीर्ष अदालत का रुख किया था। उसने याचिका में राज्य सरकार के इस फैसले को संविधान के खिलाफ बताया था। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि ये नियम पॉलिसी दायरे में आता है, इसमें उन्हें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है। पूरे मामले पर जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई की थी।

अदालत ने पूर्व सैनिक की याचिका ख़ारिज करने के साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा। हाईकोर्ट में इस मामले पर निर्णय 12 अक्टूबर 2022 को आया था। बता दें कि याचिकाकर्ता और पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट 2017 में रिटायर हुए थे और उन्होंने 2018 में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी के लिए आवेदन किया था। हालांकि दो बच्चे से ज्यादा होने के कारण उनका आवेदन खारिज हो गया। उनके आवेदन को राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 24(4) का हवाला देते हुए खारिज कर दिया गया था। ये नियम, 1 जून 2002 के बाद पैदा हुए दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति को नौकरी देने से रोकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करने का फैसला बरकरार रखते हुए बताया कि ऐसा नियम पंचायत चुनाव लड़ने की योग्यता के तौर पर भी पेश किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। अदालत ने तब माना था कि दो से अधिक जीवित बच्चे होने पर उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित करने का प्रावधान कोई भेदभावपूर्ण और संविधान के दायरे से बाहर नहीं है। ये परिवार नियोजन को बढ़ावा देने वाला प्रावधान है। कोर्ट ने कहा कि उन्हें इस मामले में ऐसा कुछ नहीं दिखता कि वो राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करें इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है। दो बच्चे होने पर सरकारी नौकरी न देना संविधान के दायरे में है।

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