Close

नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों प्रकरणों का हुआ निपटारा, न्यायालय परिसर में लगाए गए विभागीय स्टॉल

0 तालुका विधिक सेवा समिति द्वारा 04 खण्डपीठों का किया गया था गठन

0 पात्र हितग्राहियों को वितरित की गई सामाग्री

गरियाबंद। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद में साल की पहली नेशनल लोक अदालत आयोजित हुई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छ.ग. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर अब्दुल जाहिद कुरैशी के निर्देश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद, किशोर न्याय बोर्ड तथा राजस्व जिला गरियाबंद के राजस्व न्यायालयों एवं राजिम के न्यायालयों में शनिवार को ’’नेशनल लोक अदालत’’ का आयोजन किया गया था। उक्त लोक अदालत हेतु तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद द्वारा 04 खण्डपीठों का गठन किया गया था।

तालुका विधिक सेवा समिति गरियाबंद के अध्यक्ष यशवंत वासनीकर ने बताया कि उक्त लोक अदालत हेतु अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गरियाबंद तजेश्वरी देवी देवागंन की गठित खण्डपीठ मेें कुल 85 लंबित एवं 1110 प्रिलिटिगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें मोटर दावा प्रकरण एवं वैवाहिक प्रकरण एवं अन्य 16 लंबित मामलों का निराकरण करते हुए 69,45,000/- (अक्षरी उन्सठ लाख पैतालीस हजार) रूपये का एवार्ड पारित किया गया वही 160 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करते हुए 11,48,135/- (अक्षरी ग्यारह लाख अड्तालीस हजार एक सौ पैतीस) रूपये का एवार्ड पारित किया गया, इस प्रकार उक्त खण्डपीठ में कुल 176 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 80,93,135/- (अक्षरी अस्सी लाख तिरनबे हजार एक सौ पैतीस) रूपये का एवार्ड पारित किया गया।

वहीं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं व्यवहार न्यायधीश वर्ग-एक गरियाबंद छाया सिंह की गठित खण्डपीठ में 235 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 04 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 63,600/- (अक्षरी तिरसठ हजार छः सौ) रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी मामले सहित 211 लंबित प्रकरण रखे गये थे जिनमें 58 लंबित मामलांे, 04 पराक्रम्य लिखत अधिनियम मामला, अन्य सिविल के 03 के निराकरण करते हुए 9,64,000/- (अक्षरी नौ लाख चौसठ हजार) रूपये की राशि अदा करायी गयी तथा 100 समरी मामलों का निराकरण करते हुए 1,74,650/- (अक्षरी एक लाख चौहत्तर हजार छः सौ पचास) रूपये की राशि अदा करायी गयी इस प्रकार कुल 175 प्रकरणों का निराकरण किया गया। प्रशान्त कुमार देवांगन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश वर्ग-दो गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में 517 प्रिलिटीगेशन प्रकरण रखे गये थे, जिनमें 69 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 50,95,451/- (अक्षरी पच्चास लाख पन्चानबे हजार चार सौ ईन्कावन) रूपये का एवार्ड पारित किया गया तथा समरी 08 मामले, लंबित दाण्डिक के 05 मामलांे सहित, 03 भरण-पोषण मामला एवं घरेलू हिंसा, 07 पराक्रम्य लिखत अधिनियम, जमीन संबंधी 06 मामलों में कुल 77 मामलों का निराकरण करते हुए 51,01,451/- (अक्षरी ईन्कावन लाख एक हजार चार सौ ईन्कावन) रूपये की राशि अदा करायी गयी इस प्रकार कुल 91 प्रकरणों का निराकरण किया गया। प्रशान्त कुमार देवांगन प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्यायालय गरियाबंद की गठित खण्डपीठ में राजीनामा योग्य लंबित 13 प्रकरण रखे गये थे जिसमें 10 प्रकरण का निराकरण किया गया तथा श्रीमती किरण पन्ना न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी एवं व्यवहार न्यायधीश वर्ग-दो देवभोग की गठित खण्डपीठ मंे लंबित दाण्डिक के 11 मामलंे, समरी के 371 मामले एवं 02 प्रिलिटीगेशन प्रकरणों में से कुल 384 प्रकरणों का निराकरण करते हुए 2,11,890/- (अक्षरी दो लाख ग्यारह हजार आठ सौ नब्बे) रूपये का एवार्ड पारित किया गया।

तालुका अध्यक्ष यशवंत वासनीकर ने आगे बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष अब्दूल जाहिद कुरैशी एवं सचिव प्रवीण कुमार मिश्रा के द्वारा समय-समय पर दिए गए निर्देशानुसार अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा नेशनल लोक अदालत के अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय गरियाबंद के परिसर में विभिन्न विभागों के स्टॉल लगाए गए, जिसमें महिला बाल विकास विभाग द्वारा पोषण आहार के विभिन्न प्रकार के व्यंजन, रंगोली का प्रदर्शन किया गया, उद्यानिकी विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के फलदार एवं फुलदार पौधों एवं वृक्षों का वितरण किया गया, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोक अदालत में आये गये पक्षकारों, अधिवक्ताओं, अधिकारियों, कर्मचाारियों एवं जन सामान्य का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, साथ ही हितग्राहियो को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड का वितरण किया गया एवं नगर पालिका परिषद गरियाबंद द्वारा हितग्राहियों को राशन कार्ड का वितरण किया गया तथा मत्स्य विभाग गरियाबंद द्वारा मत्स्य बीज मत्स्य जाल एवं मछली पालन के अन्य उपकरण हितग्राहियों को प्रदान किए गए।

राजस्व न्यायालयों में गठित खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों के द्वारा लोक अदालत के पूर्व से ही संबंधित पक्षकारों एवं अधिवक्तागण से प्री-सिटिंग कर इस लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु काफी प्रयास किए गए। इस लोक अदालत को सफल बनाने में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारीगण, अधिवक्ता सदस्यगण और प्रकरणों से संबंधित अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारियों, राजस्व अधिकारियों तथा प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले अन्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों एवं संबंधित पक्षकारों का सराहनीय योगदान रहा।

लंबित व्यवहार वैवाहिक प्रकरण का हुआ निपटारा

नेशनल लोक अदालत खण्डपीठ क्रमांक – 01 पीठासीन अधिकारी तजेश्वरी देवी देवांगन के न्यायालय में लंबित व्यवहार वैवाहिकी प्रकरण क्रमांक 23अ/2023 में दिनांक 22.07.2023 को आवेदिका के द्वारा अपने पति अनावेदक के विरूद्ध धारा – 9 हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 के तहत दाम्पत्य जीवन के पुर्नस्थापन हेतु आवेदन पेश किया गया था। आवेदिका, अनावेदक से लगभग 04–05 वर्षों से अपने दोनों बच्चों के साथ पृथक निवास कर रही है।

अनावेदक आरक्षक के पद पर पदस्थ है और उसकी तत्कालीन नियुक्ति बीजापुर के घोर नक्सली क्षेत्र में होने के कारण आवेदिका और अपने दोनों बच्चों को अपने गृह ग्राम में ही अपने माता-पिता के साथ रखा है। उभयपक्ष के मध्य मन मुटाव होने से तथा आपसी वैचारिक मतभेद के कारण दाम्पत्य जीवन से वंचित हो रहे थे। नेशनल लोक अदालत में आवेदिका एवं अनावेदक को न्यायालय द्वारा उनके दाम्पत्य जीवन के सुखद भविष्य एवं दोनों छोटे बच्चों की भरण-पोषण व भविष्य की संभावना को देखते हुए आपसी मन मुटाव को दूर कर सुखपूर्वक आपसी सामंजस्य से रहने हेतु समझाइश दिया गया, जिससे दोनों पक्ष सहमत होकर आपसी सामंजस्य से अपने दाम्पत्य जीवन का निर्वहन करना व्यक्त करते हुए उक्त प्रकरण में राजीनामा कर प्रकरण समाप्त किए जाने का निवेदन किया गया। अतः राजीनामा के आधार पर उक्त प्रकरण का निराकरण किया गया ।

scroll to top