रायपुर। भौतिकी एवं खगोल भौतिकी अध्ययनषाला, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं फोटॉनिक्स अध्ययनषाला एवं लुमिनेसेन्स सोसाइटी ऑफ़ इंडिया ;एलएसआई द्ध के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक दूसरा नेशनल कांफ्रेंस सिग्नल प्रोसेसिंग ए सस्टेनेबल एनर्जी मटेरियल ए एवं एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स ;एनएसएसइएमए 2023 का आयोजन किया गया। प्रथम दिवस में कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कुलपति महोदय, पं. रविषंकर शुक्ल वि.वि, रायपुर के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि प्रो ए जी रामकृष्णन, आईआईएससी बैंगलोर एवं प्रो के पाण्डेय पूर्व कुलपति, र.वि.वि.रायपुर थे।
प्रथम दिवस में प्रो. के.वी.आर. मूर्ति जो कि एलएसआई के वर्तमान अध्यक्ष है, ने लुमिनेसेन्स (संदीप्त) पदार्थो के उपयोग के संदर्भ में शोधार्थियों का ज्ञानवर्धन किया। प्रथम चसमदंतल वक्ता प्रो. केवीआर चॉरी, जो कि रोवॉन विष्वविद्यालय, संयुक्त राज्य अमेरिका से पधारे है, ने नेनो आकार में चुम्बकीय पदार्थो के आधुनिक तकनीक में उपयोग के संदर्भ में सारगर्भित जानकारी दी। द्वितीय प्लेनरी वक्ता प्रो. जी.सी. अनुपमा, आईआईए बैंगलोर से शामिल हुई, उन्होंने थेर्मोनुक्लेअर सुपरनोवे कॉस्मोलॉजिकल प्रोब्स की जानकरी दी। इसके अलावा इस संगोष्ठी में प्रो. बेनर्जी, डायरेक्टर, एआरआईईएस नैनीतालए प्रो. जगताप, आईआईटी मुम्बई, प्रो. जी.वी. शर्मा, आईआईटी, हैदराबाद, ने भी विषय से संबंधित व्याख्यान दिया।
भौतिकी एवं खगोल अध्ययनषाला, पं. रविषंकर शुक्ल विष्वविद्यालय, रायपुर में चल रही राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी एनएसएसइएमए 2023 के दूसरे दिन 05 तकनीकी सत्र का आयोजन हुआ। जिसमें पहले सत्र में प्रो बीण् एसण् पाणिग्रही ;आईजीसीएआरए कल्पाक्कमद्ध एवं प्रोण् पीण् केण् भटनागर ;दिल्ली विश्वविद्यालयद्ध के द्वारा आमंत्रित व्याख्यान दिया गया। प्रोण् पाणिग्रही ने बताया कि यूरेनियम और युरोपियम जैसे दुलर्भ पदार्थो का उपयोग कर फॉस्फोरस सेे उत्सर्जित रंगो को समंजित किया जा सकता है। साथ ही प्रोण् भटनागर ने नैनों पदार्थो एवं नैनो टैक्नोलॉजी की वर्तमान समय में उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी दी। आईआईटीए हैदराबाद से पहुचें डॉ वैद्यनाथन ने लांथानाइड जैसे दुर्लभ पदार्थो का स्मार्ट लइटिनिंग ;एल ई डीद्ध में उपयोग पर विस्तृत जानकारी दी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोण् हाश्मी जी ने ऊर्जा संधारण के लिए पॉलीमर इलेक्ट्रोलाइट के उपयोग पर चर्चा की। इसके अलावा नागपुर सेे प्रोण् ढोबळेए प्रो के के बिश्वास ;आईआईटी दिल्लीद्धए प्रो दिप्ती पात्रा ;एनआईटी राउरकेलाद्ध द्वारा आमंत्रित व्याख्यान दिए गये।
इसके साथ ही विभिन्न शोधार्थीयों द्वारा कुल 13 मौखिक एवं 90 पोस्टर के माध्यम से अपनें शोध कार्य को प्रस्तुत किया गया।
नेषनल कांफ्रेस के तीसरे दिन प्रो. आर.के.पाण्डे (पूर्व कुलपति, आईटीएम वि.वि.) द्वारा आक्साइड पदार्थो के नैनो संरचना तथा उनके उपयोग पर रोचक एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया गया, जो कि वर्तमान समय में शोधार्थियों को प्रेरित करने के लिए बहुत उपयोगी रहा। इसके अलावा प्रो. एस.के.पाण्डे (पूर्व कुलपति,र.वि.वि.रायपुर) ने गुरुत्वाकर्षण की संकल्पना, जिसमें उन्होंने वैज्ञानिक न्यूटन से प्रारंभ कर आंइसटीन तक सभी वैज्ञानिको के योगदान की रोचक चर्चा की।
प्रो. सी. षिवाकुमार, आईआईएससी बैंगलोर के वरिष्ठ वैज्ञानिक ने ऊर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु बहु आयामी पदार्थो के उपयोग पर ज्ञानवर्धन किया जो कि अत्यंत समसमायिक विषय है।
डीआरडीओ से पधारे डॉ. ओ.पी.ठाकुर द्वारा उच्च शक्ति व उच्च आवृती उपकरणों में उपयोग होने वाले तृतीय पीढ़ी के अर्द्ध चालकों जैसे कि एसआईसी (सिलिकान कार्बड) के विषय में शोधार्थियों को अवगत कराया।
इसके अलावा प्रो. नीलम सिन्हा जो कि आईआईआईटीए बैंगलोर से हैं, ने डीप लर्निंग द्वारा सिगनल प्रोसेसिंग के उपयोग का वीडियों अनालिसिस कैसे किया जाना है, के संदर्भ में रोचक जानकारी दी। प्रो. जी.आर.सिन्हा, आईआईआईटीएबैंगलोर से आये वैज्ञानिक ने बैद्धिक अभ्यास में भारतीय ज्ञान पद्धति एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग पर प्रकाष डाला।
देष के विभिन्न राज्यों से लगभग 150 एवं शोधाथियों अपने शोध कार्य को प्रस्तुत किया। जिसमें से 21 आमंत्रित वक्ता, 21 तकनीकी वक्ता तथा लगभग 40 मौखिक एवं 61 पोस्टरों को प्रर्दषित किया गया। इस प्रकार अतिथि व्याख्याताओं के व्याख्यान एवं शोध के क्षेत्र में नवाचार पर गहन चर्चा के साथ ही यह कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। जिसमें छात्र-छात्राओं ने विषय विषेषज्ञों के ज्ञान का लाभ लिया।इस अवसर पर कार्यक्रम के समनव्यक प्रो. नमिता बह्में ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं प्रो. कविता ठाकुर संगोष्ठी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम के समापन के दिन में मुख्य अतिथि प्रो. केवीआर चॉरी, रोआन वि.वि. यूएसए, प्रो. बी.एस.पानीग्रही, आईजीकार, कलपक्कम् उपस्थित थे। एलएसआई के सेकेट्री, प्रो. डी.पी.बिसेन ने सभा को संबोधित किया। एनएसएसइएमए के सेकेट्री डॉ. एन.के.चक्रधारी ने तीन दिवसीय कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। एलएसआई के द्वारा उत्तम तीन मौखिक व्याख्यान एवं तीन पोस्टर को पारितोषित राषि से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. वाय.के. महिपाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।