0 अर्पण दिव्यांग पबिल्क स्कूल में मूक-बधिर बच्चों के बीच पहुंचीं प्रबंध निदेशक श्रीमती बघेल
0 शर्मा इंडस्ट्रीज के संदीप शर्मा ने कहा – इन बच्चों की शिक्षा और आत्मनिर्भर बनाने लिए हर संभव मदद
0 बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ ही स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान – प्रमोद दुबे
रायपुर । छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी की प्रबंध निदेशक श्रीमती उज्जवला बघेल मूक बधिर बच्चों के बीच अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल पहुंची। उन्होंने बच्चों के परीक्षा परिणाम की अंकसूची का वितरण किया और उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि इंसान की शक्ति उसकी आत्मा में होती है और आत्मा कभी विकलांग नहीं होती है। हम सभी के लिए ईश्वर ने यह शरीर प्रदान किया है ताकि हम मानव रूप में मानवीय गुणों का विकास कर सकें। उन्हें बेहतर अवसर मिले तो वे भी बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं।
श्रीमती बघेल राजेंद्रनगर बजाज कालोनी स्थित अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल के वार्षिक परीक्षा परिणाम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर निगम रायपुर के सभापति प्रमोद दुबे ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में शर्मा इंडस्ट्रीज के संदीप शर्मा उपस्थित थे। श्रीमती बघेल ने स्कूल परिसर का भ्रमण किया और मूक-बधिर छात्रों के लिए मुहैया कराई गई सुविधाओं के लिए अर्पण कल्याण समिति की सराहना की। श्रीमती बघेल ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए कोई भी शारीरिक अक्षमता उसके आत्मिक विकास में कभी बाधा नहीं बनती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण प्रख्यात भौतिक विज्ञानी स्टीफन विलियम हॉकिंग थे, जिनका निधन कुछ वर्षों पूर्व 2018 में हुआ। वे न तो बोल सकते थे और न ही लिख सकते थे, इतना ही नहीं वे चल भी नहीं सकते थे। लेकिन उन्होंने इतने बड़े सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसे सामान्य मनुष्य नहीं कर सके। उन्होंने ब्रम्हांड के रहस्य को लोगों के सामने उजागर किया। स्टीफन हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया। उन्होंने 12 से अधिक मानद डिग्रियां और अमेरिका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान प्राप्त किया। वे इस जमाने के सबसे बड़े वैज्ञानिक हुए। जबकि देखा जाए तो वे दिव्यांग थे। इसलिए हम कह सकते हैं कि शारीरिक अक्षमता कभी भी मानव के विकास में बाधा नहीं बन सकती है।
रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस स्कूल में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ कौशल उन्नयन पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। श्री दुबे ने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही पुरातत्व विभाग के सहयोग से बच्चों के स्किल डेवलपमेंट के लिए दस दिवसीय मूर्ति कला प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि आने वाले शिक्षा सत्र में यहां अध्ययनरत मूक-बधिर बच्चों के स्किल डेवलपमेंट के लिए नियमित प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि शर्मा इंडस्ट्रीज के संदीप शर्मा ने कहा कि इन बच्चों से मिलकर सुकून मिला है। श्री शर्मा ने कहा कि इन बच्चों के शिक्षा के साथ ही कौशल विकास पर ध्यान दिया जा रहा है वह प्रशंसनीय है। अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल में जिस तरह से मूक-बधिर बच्चों का भविष्य गढ़ा जा रहा है वह बहुत ही सहाहनीय कार्य है। शर्मा इंडस्ट्रीज इस कार्य में सहभागी बनकर गौरवान्वित महसूस करेगा, हम समिति को हर तरह की मदद देने को तैयार है। ज्ञातव्य हो कि शर्मा इंडस्ट्रीज समाजिक सरोकार में अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कई सालों से निभाते आया है। शर्मा इंडस्ट्रीज ने शिक्षा के क्षेत्र में सरकार और समाज को खुले हाथों से मदद की है। शर्मा इंडस्ट्रीज ने मिंटू पब्लिक स्कूल समेत आधा दर्जन से अधिक स्कूल का पूरा स्ट्रक्चर खड़ा करके सरकार को सौंपा है,जहां हजारों बच्चे आज शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शर्मा इंडस्ट्रीज आज पहली बार मूक-बधिर बच्चों के बीच पहुंचा और सहयोग का भरोसा दिलाया।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन समिति के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश शर्मा ने दिया। उन्होंने बताया कि समिति जल्द ही दिव्यांग बच्चों के लिए महाविद्यालय प्रारंभ करने जा रही है। मंच संचालन श्रीमती सीमा छाबड़ा ने व आभार प्रदर्शन मोनिका गुप्ता ने किया। इस अवसर पर प्राचार्य कमलेश कुमार शुक्ला, धनंजय त्रिपाठी, डॉ. राकेश पांडे, वीरेंद्र शर्मा, दिनेश शुक्ला, रजनीश चौबे, मृत्युंजय शुक्ला आदि उपस्थित थे।