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कोरोना के कहर के बीच विदेश में बनी वैक्सीन को लेकर सरकार ने उठाया यह बड़ा कदम

नई दिल्ली: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने वैक्सीन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. जानकारी के मुताबिक जिन वैक्सीन की दूसरे देशों में मंजूरी दी जा चुकी है, सरकार उन्हें इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देने की प्रक्रिया तेज कर दी है. सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच कोरोना टीकाकरण को तेज करने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है.

बता दें कि आज ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी.  इसके साथ ही इस साल पांच अन्य वैक्सीन को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है. इनमें जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन, जायडस कैडिला की सिंगल डोज वैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की नोवावैक्स और नाक से दी जाने वाली भारत बायोटेक की वैक्सीन भी शामिल हैं.

स्पुतनिक वी वैक्सीन के लिए हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डीज लैब, हेटरो बायोफार्मा, ग्लैंड फॉर्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और विक्रो बायोटेक जैसे कंपनियों से रुस की सरकारी रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड ने करार किया है. बताया जा रहा है कि स्पुतनिक वी वैक्सीन की देश में 85 करोड़ खुराक बनाई जाएगी.

सरकार के सूत्रों के मुताबिक स्पुतनिक वी वैक्सीन देश में जून से उपलब्ध हो सकती है. वहीं अगस्त में जॉनसन एंड जॉनसन और जायडस कैडिला की वैक्‍सीन आ सकती है. सितंबर तक नोवावैक्‍स और अक्टूबर में इंट्रानैसल वैक्सीन भी भारत में उपलब्‍ध हो सकती है. देश में अभी कोविशील्ड और कोवैक्सिन लगाई जा रही है. इस समय क्लिनिकल और प्री क्लिनिकल दौर में कोरोना की करीब 20 वैक्सीन हैं.

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