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आरआरवीयूएनएल के सहयोग से पीईकेबी के आदिवासी बाहुल्य ग्राम विकास की राह पर

० वित्तीय वर्ष 2022 -23 में करोड़ों रूपए के कराये विकास कार्य

अंबिकापुर।किसी क्षेत्र का विकास वहां के बेहतर बुनियादी ढांचे पर निर्भर है और जो स्थानीय लोगों को उनकी जरूरतों के अनुसार आसानी से उपलब्ध भी होना चाहिए। इस कहावत को चरितार्थ किया है राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) ने। जिसने न सिर्फ बुनियादी ढाँचा अपितु शिक्षा,स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी गावों को स्वावलम्बी बनाने की एक अनुपम पहल की है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला सरगुजा में उदयपुर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले आदिवासी ग्रामों के लोग अब विकास की मुख्यधारा को भलीभांति समझने लगे हैं। अगर इसका पूरा श्रेय जिले में स्थित परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) कोयला परियोजना को दिया जाए तो कहना गलत नहीं होगा । जी हाँ, उदयपुर तहसील के इस इलाके में ज्यादातर गोंड प्रजाती के आदिवासी रहते हैं, जिन्हें एक दशक पूर्व विकास की मुख्यधारा किसे कहते हैं, मालूम नहीं था। साथ ही जो अपने जीवन यापन के लिए पूरी तरह जंगल पर ही आश्रित थे, तथा अच्छी पढ़ाई और मामूली बीमारी के इलाज के लिए भी शहरों के तरफ पलायन करना पड़ता था, वे भी अब स्वावलम्बी होने की राह पकड़ चुके है। इनकी इस राह को आसान बना रहा है अदाणी फाउंडेशन।

आरआरवीयूएनएल के सामाजिक सहभागिता के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है।

वैसे तो पिछले एक दशक से आरआरवीयूएनएल द्वारा पीईकेबी के ग्राम परसा, घाटबर्रा, बासेन, साल्हि, फत्तेपुर, हरिहरपुर, तारा इत्यादि सहित कुल 14 गांवों जहां की कुल आबादी 9500 के करीब है, में गुणवत्ता युक्त शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों को उपलब्ध करा रहा है। लेकिन अगर बीते वित्तीय वर्ष 2022-23 की बात करें तो अदाणी फाउंडेशन द्वारा विकासात्मक गतिविधियों में बुनियादी ढाँचागत कार्यों को भी पूरी प्राथमिकता दी गयी है। करोड़ों रुपए की लागत से न सिर्फ ग्रामों के सरकारी स्कूलों अपितु स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों तथा सामुदायिक विकास में भी कई निर्माण कार्य कराये हैं।

 शासकीय स्कूलों के भवनों का कराया जीर्णोद्धार

पीईकेबी खदान के आसपास के गांवों के सरकारी स्कूलों को बुनियादी ढांचा विकास में सहायता प्रदान की जा रही है। अध्ययन के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए ग्राम फतेहपुर के प्राइमरी स्कूल, ग्राम घाटबर्रा के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों का जीर्णोद्धार किया गया है। जबकि ग्राम तारा के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल का जीर्णोद्धार एवं साइकिल शेड स्थापित किया।

स्वच्छ और सुरक्षित जल के लिए चलाया प्रोजेक्ट जीवन अमृत

खदान के आसपास के गांवों में कई सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों के द्वारा हैंडपंप लगाए जाने के बावजूद, ग्रामीणों को पानी के संकट का सामना करना पड़ता था, वजह उनमें से ज्यादातर पंप रखरखाव की कमी के कारण खराब हो जाते थे और गर्मी के महीनों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती थी। वहीं खेतों में रासायनिक उर्वरकों के नियमित उपयोग के कारण पानी में नाइट्रेट का स्तर भी मानक सीमा से अधिक था। जिससे उनके स्वास्थ्य में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। इन सब परेशानियों को संज्ञान में लेते हुए अदाणी फाउंडेशन द्वारा सामुदायिक भागीदारी के अंतर्गत चार वर्ष पहले प्रोजेक्ट जीवन अमृत की शुरुआत की गयी थी। वहीं बीते वित्तीय वर्ष में ग्रामों में 300 हैंडपंपों की मरम्मत तथा सात नए पम्पों की स्थापना, जलापूर्ति के लिए ग्राम परसा में 200 ग्रामीणों के घर तक पाइप लाइन, तथा प्रतिदिन स्वच्छ पेयजल के लिए ग्राम बासेन में ओवरहेड पानी की टंकी तथा वाटर फिल्टर प्लांट की स्थापना की गयी। साथ ही ग्राम साल्हि में सार्वजानिक उपयोग हेतु ओवरहेड पानी की टंकी एवं टैप वाटर सुविधा, ग्राम परसा में सौरऊर्जाकृत ओवरहेड पानी की टंकी तथा पुलिस थाना सलका में शेड सहित आरओ वाटर कूलर स्थापित किया।

 सामुदायिक विकास में कराया बुनियादी ढाँचागत निर्माण कार्य

अदाणी फाउंडेशन द्वारा आरआरवीयूएनएल के सामाजिक सहभागिता के अंतर्गत गत वित्तीय वर्ष के दौरान सामुदायिक अधोसंरचना विकास में सभी चौदह ग्रामों में 300 से अधिक सोलर स्ट्रीट लाइट लगाया गया। वहीं ग्रामीणों में खेल के प्रोत्साहन के लिए ग्राम फतेपुर और साल्हि के खेल के मैदान में हाई मास्ट लाइट का इंतजाम किया गया। साथ ही स्वच्छ भारत, स्वच्छ ग्राम को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम फत्तेपुर और साल्हि के ही खेल मैदान के पास बायो टॉयलेट स्थापित किया तथा जिला प्रशासन के आजीविका संवर्धन कार्यक्रम में सहायता हेतु ग्राम जनार्दनपुर पंचायत में लगभग सात लाख की लागत से उत्पादन केंद्र के शेड का निर्माण कराया।

गौरतलब है कि आरआरवीयूएनएल को राजस्थान में अपने थर्मल पावर स्टेशनों की कोयले की आवश्यकता के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा वर्ष 2007 में छत्तीसगढ़ प्रदेश के सरगुजा जिले में पीकेईबी कोयला ब्लॉक आवंटित किया गया था। आरआरवीयूएनएल द्वारा पीकेईबी कोयला ब्लॉक के माइन डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) के रूप में अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को नियुक्त किया गया था। पीकेईबी कोयला ब्लॉक के प्रभावित प्रमुख और परिधीय गांवों में अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से शिक्षा, आजीविका, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सीएसआर गतिविधियों को संचालित कर रहा है। जिनमें गांवों की आदिवासी छात्रों की उत्कृष्ट शिक्षा की जरूरतों को ध्यान रखते हुए वर्ष 2013 में अत्याधुनिक पुस्तकालय, प्रयोगशाला और कक्षाओं से सुसज्जित केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा प्रमाणित अंग्रेजी माध्यम का स्कूल अदाणी विद्या मंदिर शुरू किया गया था। जहां वर्तमान में 800 से ज्यादा बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के साथ-साथ सुबह का नास्ता, मध्यान्ह भोजन, किताबें, गणवेश, स्मार्ट क्लास के लिए टैब इत्यादि निःशुल्क दिये जाते है।

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