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Prajwal Revanna Case: रेवन्ना की गिरफ्तारी के बाद सीआईडी कार्यालय पहुंची SIT, थोड़ी देर में होगा मेडिकल

नेशनल न्यूज़। यौन उत्पीड़न कांड के आरोपी सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना आखिरकार गिरफ्त में आ चुके हैं। आज प्रज्ज्वल को मेडकिल के लिए ले जाया जाएगा। विशेष जांच दल (एसआईटी) सुबह बंगलूरू स्थित सीआईडी कार्यालय पहुंची है।

जर्मनी के म्यूनिख से बंगलूरू हवाई अड्डे पर पहुंचते ही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देर रात प्रज्ज्वल को गिरफ्तार कर लिया था। जानकारी के मुताबिक, एक महीने बाद 31 मई को प्रज्ज्वल के बेंगलुरु लौटने पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्होंने बाद में औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उसे एसआईटी को सौंप दिया। गिरफ्तारी के बाद एसआईटी प्रज्ज्वल रेवन्ना को लेकर बेंगलुरू में सीआईडी के कार्यालय पहुंची। यहां से रेवन्ना को मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया जाएगा। वहीं, विशेष जांच दल (एसआईटी) बेंगलुरु हवाई अड्डे से दो सूटकेस ले गई थी। गौरतलब है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे प्रज्ज्वल ने पहले ही एक वीडियो संदेश जारी कर 31 मई को भारत वापसी की घोषणा की थी। जिसके बाद से ही बंगलूरू अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एसआईटी रेवन्ना को गिरफ्तार करने के लिए पहले से तैयार थी। पिछले दिनों इंटरपोल ने रेवन्ना के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया था।

राज्य के गृहमंत्री ने कही थी ये बात
बता दें कि प्रज्ज्वल की संभावित देश वापसी को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबल को तैनात किया गया था। कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर ने गुरुवार को कहा था कि विशेष जांच दल (एसआईटी) की टीम शुक्रवार को जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना को एयरपोर्ट पर पहुंचते ही गिरफ्तार कर लेगी। प्रज्वल रेवन्ना सेक्स वीडियो कांड के मुख्य आरोपी है।

प्रज्ज्वल के खिलाफ हुआ प्रदर्शन
इससे पहले गुरुवार को कई महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने ‘हासन चलो’ मार्च में शिरकत की व आरोपियों की गिरफ्तारी और मामले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की। इस मार्च का आयोजन ‘नवेड्डु निलादिद्दरे’ नामक मानवाधिकार समूह द्वारा किया था। इसमें राज्य भर से महिलाओं, श्रमिकों, किसानों और दलितों ने हिस्सा लिया।

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