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अमित शाह ने शहीद आकाश राव गिरीपुंजे के परिजनों से की मुलाकात,नक्सलवाद देश ही होगा शहीदों की असली श्रद्धांजलि


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रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आकाश राव गिरीपुंजे के परिजनों से मुलाकात की। 9 जून को सुकमा के एएसपी आकाश राव गिरिपूंजे नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए एक आईईडी विस्फोट में शहीद हो गए थे। इस घटना में दो अन्य पुलिस अधिकारी गंभीर तौर पर जख्मी भी हुए थे।



एक्स पर एक पोस्ट में शाह ने लिखा, “आज, मैंने नवा रायपुर (छत्तीसगढ़) में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में शहीद हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी आकाश राव गिरिपंजे के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। मोदी सरकार 31 मार्च, 2026 तक भारत को नक्सलवाद से मुक्त बनाकर सभी अमर शहीदों को श्रद्धांजलि देने की दिशा में आगे बढ़ रही है।”

नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प दोहराया

इससे पहले छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की भारत सरकार के संकल्प को दोहराया। अमित शाह ने नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की। शाह ने छत्तीसगढ़ आई-हब के उद्घाटन समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा, “मैंने कहा था कि 31 मार्च 2026 को यह देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा और मैं आज दोहराना चाहूंगा कि जिस तरह से सुरक्षा बलों ने वीरता दिखाई है, हम निश्चित रूप से इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।”

सीएम साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा की सराहना
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण नीति हथियार छोड़ने वालों को राज्य के विकास में योगदान करने का मौका देती है। गृह मंत्री ने कहा, “विष्णु देव साय ने बहुत प्रभावशाली आत्मसमर्पण नीति बनाई है; आओ और आत्मसमर्पण करो और छत्तीसगढ़ के विकास में योगदान दो। इसके लिए किसी बातचीत की जरूरत नहीं है। सरकार पर भरोसा रखो। अपने हथियार डालो और मुख्यधारा में शामिल हो जाओ।” उन्होंने रुके हुए नक्सल विरोधी अभियानों को तेज करने और पुलिस तथा सुरक्षा बलों को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों की सराहना की। शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल की जा रही हैं।

नक्सल प्रभावित बच्चों से की भेंट
शाह ने कहा, “छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की सरकार और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उन्होंने रुके हुए नक्सल विरोधी अभियान को तेज गति से शुरू किया। मैंने देखा है कि सरकार बनने के बाद से दोनों नेताओं ने न केवल नक्सल विरोधी अभियान को गति दी है, बल्कि समय-समय पर इसका मार्गदर्शन भी किया है। इससे पुलिस और सुरक्षा बलों का हौसला बढ़ा है और इस लड़ाई को कुशलता से आगे बढ़ाया है।” अपनी यात्रा के दौरान शाह ने छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों से बातचीत की और राज्य सरकार की लियोर ओयना योजना के तहत उन्हें पुस्तकें भी भेंट कीं।

 

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