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डॉलर के आगे यूरो हुआ धराशायी

दो दशकों में पहली बार यूरोपीयन यूनियन की करेंसी का वैल्यू एक अमेरिकी डॉलर से नीचे चला गया है। एक डॉलर के मुकाबले यूरो का वैल्यू घटकर 0.99 डॉलर रह गया है। ये पहला मौका है जब एक यूरो का वैल्यू एक डॉलर के नीचे चला गया। हालांकि बाद में यूरो में सुधार आया और ये फिलहाल 1.0024 अमेरिकी डॉलर पर ट्रेड कर रहा है। अमेरिका में महंगाई दर 41 साल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है जिसके चलते सभी करेंसी में कमजोरी आ गई जिसमें यूरो भी शामिल है। माना जा रहा है निवेशक अपना पैसा निकाल सकते हैं इसलिए डॉलर में मजबूती देखी जा रही है।

यूरो की कीमत डॉलर से नीचे चली गई

दरअसल जब से यूरो चलन में आया, वह हमेशा ही डॉलर से मजबूत करेंसी रहा है। लेकिन इस वर्ष  में रूस और यूक्रेन के युद्ध के बाद से उसकी कीमत में अब तक 12 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अब तो यूरो की कीमत डॉलर से नीचे चली गई है। यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से यूरो की कीमत में तेजी से गिरावट आई है। रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण यूरोप में ईंधन का संकट पैदा हो गया है। यूरोप में गैस की जरूरत का 40 फीसदी हिस्सा रूस से ही आयात किया करता था। यूरोपीयन यूनियन ने  रूस से तेल के इंपोर्ट को घटा दिया है।

महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी

ऊर्जा संकट के कारण पूरे यूरोप खास कर यूरोपीय यूनियन में महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर है जिससे आर्थिक मंदी के हालात पैदा हो गए हैं। यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने एलान किया है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में वो बढ़ोतरी करेगा।  ब्याज दर बढ़ने से मंदी की आशंका और गहरा सकती है।

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