रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन ईडी के वकील द्वारा समय मांगे जाने के कारण अब इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी। यह याचिका भूपेश बघेल ने PMLA (Prevention of Money Laundering Act) की धारा 50, 44 और 60 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए दाखिल की है। यह मामला याचिका क्रमांक 301/2025 के तहत सुप्रीम कोर्ट में पंजीबद्ध है। मंगलवार को हुई सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली डबल बेंच में हुई, जहां ईडी की ओर से पेश वकील ने मामले की सुनवाई के लिए और समय की मांग की। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए अगली तारीख सोमवार तय की।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से देश के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, मयंक जैन और हर्षवर्धन परघनिया ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की। इस याचिका में यह तर्क दिया गया है कि PMLA की उक्त धाराएं नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करती हैं और इनका दुरुपयोग जांच एजेंसियों द्वारा हो सकता है। इसी बीच, चैतन्य बघेल की ओर से भी एक अलग याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है, जिसमें इसी कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। इससे साफ है कि PMLA कानून को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीतिक और कानूनी लड़ाई तेज होती जा रही है। अब निगाहें सोमवार को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट इस महत्वपूर्ण याचिका पर आगे की दिशा तय कर सकता है।