वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2021 है. अगर आप पहली बार आईटीआर फाइल कर रहे हैं तो आपको यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि इस काम के लिए कौन-कौन से दस्तावेजों की जरूरत होती है. आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं.
फॉर्म 16
- नौकरी करने वालों के लिए फॉर्म-16 एक अहम डॉक्यूमेंट है.
- इसकी मदद से आईटीआर फाइल किया जाता है.
- फॉर्म-16 कर्मचारी को उसकी कंपनी देती है.
- इसमें कर्मचारी की सैलरी और सैलरी से से टैक्स कटने की पूरी जानकारी होती है.
- हर नियोक्ता को अपने कर्मचारी को फॉर्म-16 देना जरूरी होता है.
फॉर्म 26एएस
- आयकर विभाग की तरफ से ये फॉर्म जारी किया जाता है.
- फॉर्म 26एएस में किसी शख्स की आमदनी पर लगे टैक्स की पूरी जानकारी होती है.
- आयकर विभाग की वेबसाइट से पैन नंबर डालकर इसे निकाला जा सकता है.
- फॉर्म-16 और फॉर्म 26एएस की तुलना करना फायदेमंद रहता है इससे पता चल जाता है कि दोनों जगह टैक्स डिडक्शन समान है या नहीं.
ब्याज से हुई आय का सर्टिफिकेट
- किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में कोई एफडी कराई हो या फिर किसी और ब्याज मिलने वाली स्कीम में पैसे जमा किए हों तो ब्याज से हुई आय का सर्टिफिकेट या फिर बैंक स्टेटमेंट भी जरूर अपने पास रखें.
- आयकर कानून की धारा 80 टीटीए के तहत 10 हजार रुपये तक की ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स छूट पा सकते हैं.
टैक्स सेविंग निवेश के प्रूफ
- टैक्स सेविंग निवेश वह निवेश है जो कि टैक्स बचाने के लिए किया जाता है.
- टैक्स सेविंग निवेश के दस्तावेज (एलआईसी प्रीमियम की रसीद, पीपीएफ में निवेश की पासबुक, दान की रसीद, ट्यूशन फीस आदि) अपने नियोक्ता को तय समय पर देने होते हैं.
- जो कर्मचारी ऐसा नहीं कर पाते उन्हें आयकर रिटर्न फाइल करते समय इसका प्रूफ देना होता है.
मेडिकल इंश्योरेंस और खर्चों के दस्तावेज
- सेक्शन 80डी के तहत आप 25 हजार रुपये तक हेल्थ इंश्योंरेस प्रीमियम पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
- ये इंश्योरेंस पॉलिसी आपके लिए, आपके जीवनसाथी के लिए, बच्चों के लिए हो सकती हैं.
- अगर आप सीनियर सिटिजन हैं तो आप 50 हजार रुपये तक हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट पा सकते हैं.
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