कृष्ण पक्ष की तृतीया को सुहागिनों द्वारा कजरी तीज का व्रत रखा जाता है, यह ब्याहताओं के लिए करवा चौथ जैसा ही महत्वपूर्ण व्रत है. इस बार कजरी तीज 21 अगस्त 2024 की शाम 5 बजकर 15 मिनट से शुरु होगी और अगले दिन दोपहर तक रहेगी जिससे उदयातिथि के कारण इसका व्रत 22 अगस्त 2024 को रखा जाएगा .
कजरी तीज का है विशेष महत्व
इस दिन ब्याहता सोलह श्रृंगार करके विधि विधान से गौरी शंकर की पूजा करती हैं. इस व्रत को निर्जला रखना पड़ता है. शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोला जाता है. कजरी तीज का व्रत अविवाहित लड़कियां भी योग्य वर पाने के लिए रखती हैं.
इस साल इस दिन सौभाग्य योग सहित पांच शुभ संयोग बन रहे हैं, जिस कारण इस साल गजानन संकटी चतुर्थी या हेरंब व्रत बहुत ही शुभ सहयोगों के साथ आ रही है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से घर में कभी आर्थिक तंगी नहीं रहती.
इस बार का यह व्रत है बहुत विशेष
इस साल इस तरह कजरी तीज वाले दिन के चौबीस घंटों में तीन महत्वपूर्ण व्रत पर्व पड़ रहे हैं. कजरी तीज के दिन के साथ यह कथा जुड़ी हुई है कि मां पार्वती को भगवान शिव घोर तपस्या करने के बाद इसी दिन पति के रूप में मिले थे. इसलिए हर सुहागन महिला के लिए यह पति का दिन है. इन तीनों व्रतों को एक साथ रहने पर भगवान शिव और पार्वती तथा गणेश जी की पूजा करनी होगी.
क्योंकि जहां कजरी तीज का व्रत पूरी तरह से शिव और पार्वती को समर्पित है, वहीं हेरंब व्रत भगवान गणेश को समर्पित है. इन पर्व में चंद्र दर्शन बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए आज के दिन चंद्र दर्शन करना जरूरी है. बहुला चतुर्थी और हेरंब व्रत जीवन में सफलता पाने, उन्नति करने और परिवार में सुख शांति बनाये रखने के लिए होता है.