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कांग्रेस के दो विधायकों के दामन पर लगे दाग:  चंद्रपुर के एमएलए रामकुमार यादव और पाली-तानाखार के मोहित केरकेट्टा के पैसे लेते वीडियो वायरल होने से छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमाई

रवि भोई

विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दो विधायकों के दामन पर दाग लग गया है। अब दोनों विधायक सफाई देते घूम रहे हैं, तो वहीं भाजपा इस मुद्दे पर हमलावर हो गई है। इससे राज्य की राजनीति गरमा गई है। इसके अलावा टिकट के लिए जमीनी स्तर पर कसरत करने वाली कांग्रेस ने अपने एक सीटिंग विधायक पर हमला करने वाले एक नेता को पार्टी से निष्कासित कर दिया और एक अन्य विधायक के काम पर टिप्पणी करने वाले पार्षद से जवाब तलब कर लिया है। टिकट वितरण से पहले फूटते गुबार से कांग्रेस में नई मुसीबत खड़ी होती दिखाई दे रही है।

17 सितंबर को चंद्रपुर के विधायक रामकुमार यादव का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे नोटों की गड्डी के साथ बैठे दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया पर वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा- विधायक जी के सामने रखे नोटों की गड्डी वाले इस वीडियो को कांग्रेस स्वीकार करेगी या वीडियो पर कोई संदेह है तो जाँच के लिये सीबीआई को सौंपने का साहस दिखायेगी? विधायक रामकुमार यादव का कहना है – जो वीडियो वायरल किया है, वही सच्चाई बता सकता है। न मैं पैसे की तरफ देख रहा, न बात कर रहा। कल कोई हवाई जहाज के सामने मेरा वीडियो ले ले, तो क्या वह मेरा हो जाएगा। पहले भी भाजपा के लोगों ने मेरा वीडियो वायरल किया है, पिछली बार तो चुनाव में ये कहते हुए एक वीडियो वायरल किया कि रामकुमार यादव ने पैसा लेकर विड्रॉ कर लिया । अब किस -किस वीडियो का विश्वास करेंगे लोग। 18 सितंबर को पाली-तानाखार के कांग्रेसी विधायक मोहित राम केरकेट्टा का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें एक व्यक्ति उनसे काम के बदले पैसे लेन-देन की बात कर रहा है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि रिश्वतखोरी करते, घोटाला करते, अवैध वसूली करते अगर किसी भी नेता विधायक की कोई खबर सामने आए तो समझ जाइएगा कि नेता कांग्रेसी हैं। पाली-तानाखार विधायक मोहित राम केरकेट्टा की इस खबर ने ये भी तय कर दिया है कि इनकी इस रिश्वतखोरी हरकत से अब इन्हें टिकट जरूर मिलेगा। जनता भी सब देख रही है, जितनी रिश्वत मांगनी है मांग लो कांग्रेसियों, लेकिन चुनाव में वोट मांगोगे तो हार मिलेगी। मजेदार बात है कि दोनों पहली बार के विधायक हैं और लो प्रोफ़ाइल वाले भी हैं।

एक ओर कांग्रेस के दो विधायक भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं , तो दो कांग्रेस विधायक अपने ही दल के लोगों के आरोपों से घिर गए हैं। बेमेतरा के विधायक आशीष छाबड़ा के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले कांग्रेस नेता सौरभ निर्वाणी को पार्टी अध्यक्ष दीपक बैज ने एक साल के लिए निष्कासित कर दिया है, वहीं रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा के काम पर अंगुली उठाने वाले रायपुर के पार्षद नागभूषण राव से पार्टी ने जवाब-तलब किया है। बेमेतरा के कांग्रेस नेता सौरभ निर्वाणी असंगठित कामगार-कर्मचारी कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। निर्वाणी की पत्नी प्रज्ञा बेमेतरा जिला पंचायत सदस्य हैं। वे बेमेतरा सीट से विधायकी का दावा कर रही हैं, जहां से इस समय आशीष छाबड़ा कांग्रेस विधायक हैं। आरोप है कि टिकट की दावेदारी करते वक्त निर्वाणी के समर्थकों ने आशीष छाबड़ा पर लांछन लगाए।

कहते हैं कि पार्षद नागभूषण राव अपने क्षेत्र में पट्टा देने वाली सर्वे लिस्ट से सैकड़ों गरीब परिवारों का नाम हट जाने का विरोध करते हुए कलेक्ट्रेट का घेराव के साथ विधायक सत्यनारायण शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर दिया था। इस बार कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। इसके बदले वे रायपुर ग्रामीण सीट से अपने बेटे पंकज शर्मा को टिकट देने मांग की है । नागभूषण राव भी रायपुर ग्रामीण सीट से दावेदार बताए जाते हैं। इस कारण पंकज शर्मा का नाम सामने आने से नागभूषण राव खफा हैं। बताते हैं पंकज शर्मा के नाम को लेकर लगातार रायपुर ग्रामीण के नेता विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस ने इस बार टिकट के लिए निचले स्तर पर कवायद की है और दावेदारों से आवेदन लिए हैं, ऐसे में दावेदारों के खिलाफ एक्शन से पार्टी के भीतर खलबली मच गई है।

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