बिजनेस न्यूज़। वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कटौती के संकेत से सोने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, जो शेयर बाजारों की तुलना में अधिक मुनाफा दे रही है। पिछले दो वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें 60% तक बढ़ी हैं, जबकि एसएंडपी 500 सूचकांक में 47.3% और डाऊ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में 28.5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी अवधि में बीएसई सेंसेक्स में 39.8% की तेजी आई है।
मजबूत हाजिर मांग और सटोरियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली के चलते मंगलवार को वायदा बाजार में सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिला। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में अक्टूबर माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 149 रुपये, यानी 0.2 प्रतिशत बढ़कर 74,444 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। इस अनुबंध में कुल 9,904 लॉट का कारोबार हुआ, जो सोने की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
2024 में सोने का प्रदर्शन
वर्ष 2024 में भी सोने ने शेयर बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस साल सोने की कीमत में 26.8% की वृद्धि हुई है, जबकि भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क सूचकांक में 17.1% की तेजी दर्ज की गई है। डाऊ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज ने इस साल अब तक 11.6% की बढ़त हासिल की है।
बॉन्ड यील्ड में गिरावट और सोने की कीमतों में वृद्धि
Play Videoब्याज दरों में कटौती के संकेत से अमेरिका में बॉन्ड यील्ड तेजी से गिरी, जिससे सोने की कीमतों में तेजी आई है। 10 साल के अमेरिकी सरकारी बॉन्ड की यील्ड, जो अक्टूबर 2023 में 4.93% थी, अब 120 आधार अंक घटकर 3.74% पर आ गई है। भारत में भी 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड पिछले एक साल में 50 आधार अंक और इस साल अब तक करीब 30 आधार अंक घटी है।
वैश्विक केंद्रीय बैंकों का रुख
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने चार साल बाद पहली बार पिछले हफ्ते ब्याज दरों में कटौती की, जिससे वैश्विक आर्थिक बाजारों में दरें घटने का सिलसिला शुरू होने की पुष्टि हुई। इससे पहले यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ECB) ने भी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कटौती की थी।
सोने की मांग और बढ़त
गोल्डमैन सैक्स रिसर्च के अनुसार, फेडरल रिजर्व की कटौती के बाद सोने की कीमतों में और वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि उभरते बाजारों के केंद्रीय बैंक सोने की खरीद बढ़ा सकते हैं। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों का मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के चलते सोना एक सुरक्षित निवेश बना हुआ है। एजेंसी का अनुमान है कि सोने की कीमतों में अगले महीनों में करीब 15% की और बढ़ोतरी हो सकती है।
केंद्रीय बैंकों की सोने की खरीद
जनवरी 2010 से जून 2022 के दौरान केंद्रीय बैंकों द्वारा तिमाही आधार पर औसतन 119 टन सोने की शुद्ध खरीद होती थी, जो अब बढ़कर 310 टन हो गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन में प्रोत्साहन उपायों और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के चलते सोने की मांग में उछाल आया है।
सोने की रिकॉर्ड ऊंचाई
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की हाजिर कीमत 2,639.95 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जबकि अमेरिकी सोना वायदा 0.2% बढ़कर 2,657.90 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। घरेलू बाजार में भी सोने की कीमतों में तेजी जारी है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अक्टूबर डिलीवरी वाले अनुबंध का भाव 149 रुपये बढ़कर 74,444 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
विश्लेषकों का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती और भू-राजनीतिक तनाव के चलते सोने की कीमतों में आने वाले समय में और वृद्धि हो सकती है।