आज आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया/चतुर्थी तिथि है. दिन सोमवार, करण विष्टि, नक्षत्र भरणी, योग हर्शन है. सोमवार को शंकर जी की पूजा करने के साथ ही आज के दिन विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी भी मनाई जाएगी. बप्पा के भक्त संकष्टी चतुर्थी पर विधि-विधान से पूजा-पाठ करते हैं और व्रत रखते हैं. इस दिन गणेश भगवान के विघ्नराज अवतार की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है. सभी काम सफल होते हैं. कष्टों, विघ्न, परेशानियों से छुटकारा मिलता है. एक वर्ष में बारह संकष्टी व्रत किए जाते हैं, जिसमें आश्विन महीने में पड़ने वाले को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. आज संकष्टी व्रत सूर्योदय से प्रारंभ होकर चांद के दर्शन पर समाप्त होता है.
सोमवार का दिन शंकर जी को समर्पित होता है. भोलेनाथ के भक्त शिवजी की पूजा करने के साथ-साथ व्रत भी रखते हैं. सुबह उठकर स्नान करें. साफ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल पर शंकर जी और माता पार्वती की मूर्ति रखें. शिवजी को बेलपत्र, धतूरा, सुपारी, भस्म, सफेद फूल आदि अर्पित करें. दीपक, धूप, अगरबत्ती जलाएं. शिव मंत्र का जाप करें. नियमानुसार शिव पूजन करने से भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता है. घर में सुख-शांति का माहौल रहता है. सुख-समृद्धि आती है. अविवाहित महिलाओं को योग्य वर की प्राप्ति होती है.
2 अक्टूबर 2023 का पंचांग
आज की तिथि – आश्विन कृष्णपक्ष तृतीया/चतुर्थी
आज का करण – विष्टि
आज का नक्षत्र – भरणी
आज का योग – हर्शन
आज का पक्ष – कृष्ण
आज का वार – सोमवार
आज का दिशाशूल – पूर्व