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केंद्र ने 15 अक्टूबर से देशभर में स्कूल खोलने की दी अनुमति, जानें किस राज्य में खुलेंगे और कहां नहीं

गृह मंत्रालय ने अनलॉक-5 के दिशानिर्देशों के तहत भारत में स्कूलों को 15 अक्टूबर से फिर से खोलने की अनुमति दे दी है. हालांकि, केंद्र ने राज्य सरकारों पर कोरोना की स्थिति के आकलन के आधार पर स्कूलों को अभी खोलने या न खोलने का निर्णय छोड़ दिया है. आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, दिल्ली समेत कई राज्य सरकारों ने 31 अक्टूबर तक स्कूल बंद रखने का फैसला किया है. उत्तराखंड के इस हफ्ते अपना फैसला लेने की उम्मीद है.

उत्तर प्रदेश में अनलॉक 5 की गाइडलाइंस के मुताबिक 15 अक्टूबर से स्कूल और कोचिंग संस्थान खोले जा सकेंगे, लेकिन उसके लिए प्रशासन से मंजूरी लेना जरूरी होगा. छात्र स्कूल में अपने माता-पिता की लिखित सहमति के बाद ही स्कूल में उपस्थित हो सकते हैं. जिन स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी, उन्हें शिक्षा विभाग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा.

कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल दिल्ली के सभी स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि एक अभिभावक होने के नाते वे परिस्थिति की गम्भीरता को समझते हैं. इस समय बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कोई जोखिम लिया जाना उचित नहीं होगा.

शिक्षा विभाग ने मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार, अपनी एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया है कि दिल्ली में सभी पाबंदियां 31 अक्टूबर तक यथावत रहेंगी. इस कारण यहां राजधानी दिल्ली में फिलहाल स्कूल नहीं खुलेंगे. इससे पहले दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने 18 सितंबर को एक आदेश जारी किया था. इस आदेश में 5 अक्टूबर तक स्कूल बंद रखने को कहा गया था. दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए जारी यह आदेश अब 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है.

केंद्र ने स्कूल खोलने की छूट दी है, हालांकि इसके साथ ही कोविड से जुड़े सभी नियमों व सावधानियों का पालन करना होगा. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कnational newल्याण मंत्रालय ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया है. विभिन्न राज्य सरकारें इसके आधार पर अपने नियम जारी करेंगी, जिनका पालन स्कूलों को करना होगा.

दिल्ली सरकार अभी ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई जारी रखना चाहती है. वहीं हाल के दिनों में कुछ सर्वे हुए हैं जिनमें यही सामने आया कि पैरेंट्स अभी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते.एक सर्वे के मुताबिक, 71 फीसदी अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं. 9 फीसदी अभिभावक अभी इस विषय को लेकर अनिश्चित हैं.

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