राजनांदगांव।छत्तीसगढ़ के मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले के सीतागांव-औंधी रोड पर नक्सलियों ने पर्चा फेंककर भाजपा नेता बिरजू तारम की हत्या की जिम्मेदारी ली है। नक्सलियों ने यह चेतावनी भी दी है कि वोट मांगने वालों को बिरजू जैसी सजा मिलेगी। पर्चे में नक्सलियों ने यह भी लिखा है कि बिरजू तारम को मौत की सजा पहले ही दे दी गई थी। बीजेपी व आरएसएस को भगाओ देश बचाओ का नारा भी नक्सलियों ने पर्चे में लिखा है। नक्सली पर्चा मिलने के बाद पुलिस और सतर्क हो गई है। पुलिस ने सर्चिंग तेज कर दी है।
भाजपा नेता की हत्या को लेकर नक्सलियों पर था संदेह
बतादें कि 20 अक्टूबर को प्रदेश के नवगठित मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के औंधी क्षेत्र में भाजपा के एक नेता बिरजूराम तारम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार, हथियारों से लैस कुछ लोगों ने घर में घुसकर घटना को अंजाम दिया। नक्सल प्रभावित ग्राम सरखेड़ा में हुई इस हत्या को लेकर नक्सलियों पर संदेह किया जा रहा था।
2009 में चुनाव के ठीक बाद नक्सलियों ने भाजपा प्रत्याशी की कर दी थी हत्या
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद नक्सलियों ने भाजपा प्रत्याशी रहे दरबार सिंह की निर्मम हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है कि भाजपा नेता बिरजू तारम का नाम नक्सलियों की हिट लिस्ट में था। पिछले माह पुलिस जबलपुर से एक नक्सली को गिरफ्तार कांकेर लेकर आए थे। उसके तार मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले से जुड़ा था। इसलिए यहां से पुलिस अधीक्षक रत्ना सिंह कांकेर में गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ करने गई थी। खबर है कि गिरफ्तार नक्सली के पास से पुलिस ने एक डायरी जब्त किया था, इसमें बिरजुराम तारम का नाम हिट लिस्ट में था।
यह टारगेट किलिंग है: अरुण साव
इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि यह टारगेट किलिंग है। कार्यकर्ताओं शहादत व्यर्थ नहीं जाने देंगे, गुंडाराज को संरक्षण दे रही सरकार को उखाड़ फेकेंगे। शांति और कानून का राज कायम करेंगे।
नक्सलियों की हिट लिस्ट में थे
बिरजू तारम क्षेत्र के एक बड़े हिंदुत्ववादी नेता थे। इस इलाके में मिशनरीज और हिंदुत्वादी संगठनों में काफी समय से विवाद चल रहा है। 1 साल पहले यहां हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियों को कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया था। जिसे पुलिस ने नक्सल घटना बताया था। बिरजू तारम काफी समय से इन सबके खिलाफ आंदोलन कर रहे थे। उन्होंने मोहला-मानपुर में कई बार धर्मांतरण रोक बड़े आंदोलन किए। जिसके चलते पुलिस धार्मिक एंगल से भी मामले की जांच कर रही है।