Chhath Puja 2024 Does and Donts : छठ पूजा का चार दिवसीय महापर्व आज नहाय खाय के साथ आरंभ हो रहा है। इस व्रत में महिलाएं पूरे 36 घंटे का व्रत रखकर पूजा करती हैं। छठ पर्व कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से आरंभ होता है और कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उसके बाद अगले दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ पूजा संपन्न मानी जाती हैं। इस दौरान छठ पूजा के व्रतियों और उनके परिजनों को बहुत से नियमों का पालन करना चाहिए। ताकि उनका व्रत बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके और छठी मइया का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। छठ पूजा का व्रत परिवार की खुशहाली और संतान की सुरक्षा के साथ अच्छी सेहत के लिए किया जाता है और इसमें व्रती महिलाओं को कई घंटों तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देना होता है। आइए आपको बताते हैं छठ पूजा के नियम और सभी जरूरी बातें।
परिवार के सभी लोग करें सात्विक भोजन
छठ पूजा में सिर्फ व्रती ही नहीं बल्कि उनके परिवार के सभी लोगों को सात्विक भोजन ही करना चाहिए। छठ पूजा के दौरान परिवार के सभी लोगों को लहसुन और प्याज से परहेज करते हुए साधारण भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से आपके मन में श्रद्धा भाव बना रहता है और सुविचार आते हैं।
व्रती महिलाओं के लिए जरूरी नियम
छठ पूजा में जो महिलाएं व्रत करती हैं उन्हें 36 घंटे तक पानी भी नहीं पीना होता है। इस नियम का पालन करन शास्त्रों में बहुत ही जरूरी माना गया है। व्रत के दौरान पानी पीने से आपका व्रत खंडित माना जाता है और आपको पूजा का लाभ नहीं मिलता है। इसलिए इस बात का जरूर ध्यान रखें कि आपको पानी नहीं पीना है। छठ का व्रत सिर्फ उन्हीं लोगों को रखना चाहिए जो इस नियम का पालन कर सकें।
पूजा में साफ सफाई का रखें ध्यान
छठ पूजा में साफ-सफाई और पवित्रता का बहुत ध्यान रखा जाता है। महिलाएं साफ धुले हुए वस्त्र पहनें और पूजा के लिए प्रसाद बनाने से पहले उस स्थान को ठीक से साफ-सुथरा कर लेना चाहिए। साथ ही जिस स्थान पर आपको पूजा करनी है उस स्थान को गंगाजल से पवित्र कर लेना चाहिए।
छठ पूजा में इन बातों का रखें खास ध्यान
– छठ पूजा में रोजाना सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और फिर पूजा अनुष्ठान आरंभ करें।
– छठ पूजा में भोग और प्रसाद बनाते समय साधारण नमक का प्रयोग न करें, सेंधा नमक ही डालें।
– भूलकर भी इस दौरान घर में शराब और मांसाहार नहीं आना चाहिए।
– इस दौरान नहाने के बाद घर की महिलाएं रोजाना नारंगी रंग का सिंदूर ही लगाएं।
– पूजा करते समय भगवान सूर्य और छठी माता को दूध जरूर अर्पित करें।
– पूजा में फटी और पुरानी टोकरी का प्रयोग न करें। हमेशा साफ और नई टोकरी लेकर पूजा करें।