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राजधानी में सांस लेना हुआ मुश्किल, दिल्ली में दमघोंटू जहरीली हवा का कहर

नेशनल न्यूज़। देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण लोगों का बुरा हाल है। चारों तरफ कोहरे की तरह नजर आने वाला स्मॉग छाया हुआ है। जिस वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है। आया नगर में एक्यूआई 464, द्वारका सेक्टर-8 में 486, जहांगीरपुरी में 463 और आईजीआई एयरपोर्ट (टी3) के आसपास एक्यूआई 480 दर्ज किया गया है।

मौसमी बदलाव से जल्दी आया स्मॉग का दौर
हवाओं के रुख व रफ्तार और तापमान के मिले-जुले असर से स्मॉग का दौर भी जल्दी आ रहा है। 1970 से 1993-94 तक नवंबर मध्य में दिखने वाली स्मॉग की चादर 1995 के बाद से अक्तूबर से ही दिखने लगी। नवंबर शुरू होते ही हालात गंभीर हो गए हैं। स्मॉग की मोटी परत के कारण कई लोगों को सांस संबंधित व स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है

दिल्ली और एनसीआर की हवाओं के बड़े खलनायक भौगोलिक स्थिति
दिल्ली हर तरफ से जमीन से घिरी है। हवाओं के मामले में इसकी स्थिति कीप जैसी है। पड़ोसी राज्यों की मौसमी हलचल का सीधा असर दिल्ली-एनसीआर में पड़ता है। चारों तरफ से आने वाली हवाएं कीप सरीखे दिल्ली-एनसीआर में फंस जाती हैं। नतीजा गंभीर स्तर के प्रदूषण के तौर पर दिखता है।

मिक्सिंग हाइट व वेंटिलेशन इंडेक्स में गिरावट
सर्दी में मिक्सिंग हाइट (जमीन की सतह से वह ऊंचाई, जहां तक आबोहवा का विस्तार होता है) कम होती है। गर्मियों के औसत चार किमी के विपरीत सर्दियों में यह एक किमी से भी कम रहता है। वहीं, वेंटिलेशन इंडेक्स (मिक्सिंग हाइट और हवा की चाल का अनुपात) भी संकरा हो जाता है। इससे प्रदूषक ऊंचाई के साथ क्षैतिज दिशा में भी दूर-दूर तक नहीं फैल पाते। पूरा इलाका ऐसे हो जाता है, जैसे कंबल से उसे ढंक दिया गया हो। शनिवार को हवा की मिक्सिंग हाइट 3000 मीटर रही। जबकि वेंटिलेशन इंडेक्स 9000 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा।

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