Close

जोबा हायर सेकंडरी स्कूल की प्राचार्य सुहासिनी पट्टलवार को मैट्स यूनिवर्सिटी से मिली पीएचडी की उपाधि

 

गरियाबंद।जिला गरियाबंद के जोबा हायर सेकंडरी स्कूल की प्राचार्य व रायपुर निवासी सुहासिनी पट्टलवार को मैट्स यूनिवर्सिटी से पीएचडी की उपाधि मिली है। उन्होंने अपना शोध प्रो. डा. परविंदर हंसपाल के निर्देशन में पूरा किय।। डा. सुहासिनी ने अपना शोध उच्चतर माध्यमिक शालाओं की सहशिक्षा और गैर सहशिक्षा में अध्ययनरत छात्रों की आधुनिकता का उनकी शैक्षिक उपलब्धि एवं जीवन शैली पर पड़ने वाले प्रभाव पर किया है। मैट्स विवि के प्रो. वीपी राय का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिला। काफी परेशानियों के बीच उन्होंने अपना यह शोध कार्य पूरा किया।
डा. सुहासिनी पट्टलवार ने बताया कि वर्ष 2016 से उन्होंने अपना शोध शुरू किया। उन्होंने चार स्कूलों के 800 से अधिक 9वीं के बच्चों से संपर्क कर अपना शोध पूरा किया। जिसमें 400 बच्चे कोएड स्कूल के है। वहीं 200 गर्ल्स और 200 ब्वायज स्कूल के बच्चों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बच्चों को सकारात्मक चीजों को स्वीकार करने में कम समय लगता है। डिजीटल दुनिया में खुद को फ्री करने में बच्चों को कम समय लगता है, क्योंकि सोशल मीडिया किशोरों को आकर्षित करती है।

उन्होंने आगे बताया कि इस केटेगिरी के बच्चों के मन में अभिव्यकित का डर, समानता का डर, भेदभाव जैसी भावनाएं भरी होती है। वे अपने समान या यूं कहें अपनी कैटेगेरी के बच्चों के साथ फ्री रहते है। गांव के बच्चे शहर के बच्चों के साथ जल्दी घुलते मिलते नहीं है। दोनों ही अपने को अलग अलग क्लास का मानते है। ऐसे में साथ पढ़ाई के दौरान उन्हें लगभग एक साल उन्होंने आगे बताया कि इस केटेगिरी के बच्चों के मन में अभिव्यकित का डर, समानता का डर, भेदभाव जैसी भावनाएं भरी होती है। वे अपने समान या यूं कहें अपनी कैटेगेरी के बच्चों के साथ फ्री रहते है। गांव के बच्चे शहर के बच्चों के साथ जल्दी घुलते मिलते नहीं है। दोनों ही अपने को अलग अलग क्लास का मानते है। ऐसे में साथ पढ़ाई के दौरान उन्हें लगभग एक साल का समय लग जाता है आपस में एक दूसरे को जानने और समझने के लिए.

scroll to top