दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस होंगे संजीव खन्ना 11 नवंबर को देश के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की परंपरा के अनुसार, शीर्ष अदालत का सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश भारत का मुख्य न्यायाधीश बनता है। इस परंपरा के अनुसार, जस्टिस संजीव खन्ना अगले सीजेआई बनने के लिए सबसे वरिष्ठ हैं। हालांकि, उनका कार्यकाल केवल 6 महीने का होगा, और वे 13 मई 2025 में रिटायर हो जाएंगे। वहीं CJI चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी और लगभग दो साल की सेवा के बाद, वे 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना अगले CJI होंगे
सीजेआई चंद्रचूड़ के रिटायरमेंट के बाद, जस्टिस संजीव खन्ना अगले सीजेआई के रूप में पदभार संभालेंगे। वे 11 नवंबर 2024 को भारत के 51वें सीजेआई के रूप में पदस्थ होंगे। जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक जून तक की अंतरिम जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट की परंपरा के अनुसार, शीर्ष अदालत का सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश भारत का मुख्य न्यायाधीश बनता है। इस परंपरा के अनुसार, जस्टिस संजीव खन्ना अगले सीजेआई बनने के लिए सबसे वरिष्ठ हैं। हालांकि, उनका कार्यकाल केवल छह महीने का होगा, और वे मई 2025 में रिटायर हो जाएंगे।
जस्टिस खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को नई दिल्ली में हुआ
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को नई दिल्ली में हुआ था। उनके पिता, जस्टिस देव राज खन्ना, दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में रिटायर हुए, जबकि उनकी मां, श्रीमती सरोज खन्ना, दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में हिंदी की लेक्चरार थीं। जस्टिस संजीव खन्ना ने अपनी स्कूली शिक्षा नई दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पूरी की और 1977 में स्कूल पास करने के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के कैंपस लॉ सेंटर (सीएलसी) से कानून की पढ़ाई की।
जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति प्राप्त की
जस्टिस संजीव खन्ना ने जनवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति प्राप्त की। उनकी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति विवादास्पद रही थी क्योंकि उनके मुकाबले उम्र और अनुभव में 33 अन्य न्यायाधीश वरिष्ठ थे। हालांकि, इस विवाद के बाद मामला शांत हो गया। सुप्रीम कोर्ट में उनकी नियुक्ति से पहले, वे दिल्ली हाई कोर्ट में 14 वर्षों तक न्यायाधीश रहे। जस्टिस खन्ना को कराधान और वाणिज्यिक कानूनों में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है और उन्होंने पिछले दो दशकों में कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, जस्टिस खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्यायालय द्वारा न्याय मित्र के रूप में कई आपराधिक मामलों में बहस की थी। अप्रैल 2024 में, जस्टिस खन्ना ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में डाले गए वोटों के क्रॉस-वैरिफिकेशन के लिए वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ एक याचिका पर भी सुनवाई की थी।