जीवन एस साहू
गरियाबंद। नक्सली दहशत और मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने से 2018 में विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर चुके दुर्गम पहाड़ी के आमामोरा गांव में 70 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया। हमारे संवाददाता ने नक्सलियों के मांद में घुंस कर लाइव रिपोर्टिंग की ।
नक्सली गढ़ में सुरक्षा दृष्टि से दहशत के साए में और भारी पुलिस जवानों की तैनाती में सुबह 07 बजे मतदान शुरू हो गया और 3 बजे तक मतदान समाप्त कर दिया गया। पिछले बार हुए चुनाव में बहिष्कार के चलते महज 07 प्रतिशत मतदान हुए किंतु इस बार 07 से बढ़कर 70 प्रतिशत मतदान हुए हैं।
घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के उड़ीसा सीमा से लगे दुर्गम पहाड़ी गांव आमामोरा में विधानसभा चुनाव को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला।2018 में विधानसभा का चुनाव बहिष्कार करने वाले इस गांव में 70 प्रतिशत पोलिंग हुआ है।वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां के मतदाताओं ने मूलभूत सुविधाएं नहीं होने पर मतदान का विरोध करते हुए चुनाव बहिष्कार कर दिया था लेकिन इस बार आमामोरा में 570 से भी अधिक लोगों ने मतदान केंद्र पहुंच कर मतदान किया है। आमामोरा मतदान केंद्र में कुकराल कमार पारा जोब पारा नगरार के मतदाता पैदल चलकर वोट डालने आए थे।
70 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान कर प्रदेश में मजबूत लोकतंत्र के लिए अपने मताधिकार का उपयोग किया है।उल्लेखनीय है कि अमामोरा गांव जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर एवं 26 किमी की ऊंची पहाड़ी में बसा हुआ है। आमामोरा गांव घोर नक्सली प्रभावित अति संवेदन शील मतदान केंद्र में आता है।
बीते पंद्रह साल तक मतदान दल को हेलीकॉप्टर से भेजा जा रहा था। लेकिन इस बार आमामोरा गांव जाने के लिए सड़क मार्ग का काम शुरू हो गया आधी दूरी तक पक्की सड़क मार्ग बन भी गया है। जिसके चलते इस बार मतदान दल में शामिल 8 लोगों को सड़क मार्ग से एक दिन पहले भेजा गया है। इस संबंध में जब हमने पोलिंग दल के सदस्यों ने चर्चा में बताया की स्ट्रांग रूम से बाहर निकलने के बाद जब आमामोरा के लिए निकले तो धवलपुर तक सब कुछ सामान्य रहा लेकिन जैसे ही दबनई गांव की ओर से आमामौरा के लिए निकले तो मन घबराने लगा जैसे तैसे हम सब सुरक्षित शाम तक आमामोरा पहुंच गए लेकिन रात भर उनके दिलो दिमाग में दहशत बना रहा। पुलिस बल के सभी जवान रात भर पहरा देते हुए उन्हें सुरक्षा दिए।